SKM ने जताया वन नेशन-वन इलेक्शन बिल का विरोध, बताया कॉरपोरेट एजेंडा
‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक का संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने विरोध जताया है।
‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक का संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने विरोध जताया है। मोर्चा ने इसे राज्य सरकारों के संघीय अधिकारों को समाप्त करने और ‘कॉर्पोरेट एजेंडा’ को लागू करने का प्रयास बताया है। आरोप लगाया कि इस विधेयक का उद्देश्य देश में केंद्रीकृत बाजार बनाना है, जो किसानों और श्रमिकों के लिए अनुकूल नहीं होगा। उन्होंने देशवासियों से इस विधेयक के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। एसकेएम ने 2020-21 में कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की सीमाओं पर बड़े किसान प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
कामकाजी लोगों का शोषण बढ़ेगा : एसकेएम
एसकेएम ने कहा कि सरकार का यह कदम कामकाजी लोगों के शोषण को बढ़ावा देने के लिए है। यह भी आरोप लगाया कि यह विधेयक देश के संघीय ढांचे और संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करेगा। मोर्चा ने कहा कि अन्य कई प्रमुख नीति परिवर्तनों जैसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), डिजिटल कृषि मिशन, राष्ट्रीय सहयोग नीति, कृषि बाजार पर नीति ढांचे का उद्देश्य कॉर्पोरेट शक्तियों को प्रोत्साहन देना है। इस दृष्टिकोण के तहत कृषि उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन को केंद्रीकरण की योजना बनाई जा रही, जिससे छोटे-मझले किसान प्रभावित हो सकते हैं।
‘लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे पर पड़ेगा गंभीर प्रभाव’
एसकेएम ने कहा कि यह विधेयक राज्य सरकारों की स्वायत्तता और संघीय अधिकारों को समाप्त करने के उद्देश्य से लाया जा रहा। संगठन ने चेतावनी दी कि यह विधेयक पारित होता है तो लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
विपक्षी दलों ने भी जताया है विरोध
बता दें, इस विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया है। इसका विरोध विपक्षी दलों ने किया है। सरकार ने बताया कि इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा, जिससे इस मुद्दे पर सबकी राय ली जा सके।