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चीन में नरमी भारत में विनिर्माण क्षेत्र के लिये अवसर : विशेषज्ञ

चीन में घरेलू और और वैश्विक कारणों से आर्थिक वृद्धि में नरमी भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिये एक मौका है। इसको देखते हुए देश को निवेश आकर्षित करने और वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति केंद्र के रूप में उभरने के लिये अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है

10:45 PM Aug 19, 2022 IST | Shera Rajput

चीन में घरेलू और और वैश्विक कारणों से आर्थिक वृद्धि में नरमी भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिये एक मौका है। इसको देखते हुए देश को निवेश आकर्षित करने और वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति केंद्र के रूप में उभरने के लिये अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है

चीन में नरमी भारत में विनिर्माण क्षेत्र के लिये अवसर   विशेषज्ञ
चीन में घरेलू और और वैश्विक कारणों से आर्थिक वृद्धि में नरमी भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिये एक मौका है। इसको देखते हुए देश को निवेश आकर्षित करने और वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति केंद्र के रूप में उभरने के लिये अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है। विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह कहा।
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संपत्ति क्षेत्र में समस्या और कोविड महामारी की रोकथाम के लिये लगातार ‘लॉकडाउन’ के कारण चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल घटकर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इसके अलावा, ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव भू-राजनीतिक अस्थिरता में बदल सकता है। इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से कच्चे माल और उपकरणों की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री सुजान हाजरा ने कहा कि इन सबसे भारत के लिये कुछ सकारात्मक चीजें होंगी।
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उन्होंने कहा, ‘‘पहला, चीन में अनिश्चितता से वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति केंद्र के रूप में भारत आकर्षक हो सकता है। दूसरा, वैश्विक निवेशकों के उभरते बाजारों में कोष आवंटन में चीन की कीमत पर भारत की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।’’
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2022 के लिये चीन की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि पूर्व में इसके 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।
इनक्रेड पीएमएस के पोर्टफोलियो प्रबंधक आदित्य सूद ने कहा कि चीन में नरमी भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के अवसर प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना सहित विभिन्न कदमों से वस्तुओं के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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