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बिना नाम लिए स्मृति ईरानी का आरोप - कांग्रेस के दो सदस्य परिवार को बचाने के लिये कर रहे हैं सियासत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के परोक्ष संदर्भ में केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वे “असमिया संस्कृति को नहीं जानते” और केवल “परिवार के अस्तित्व के लिये” राजनीति कर रहे हैं।

06:30 PM Mar 30, 2021 IST | Ujjwal Jain

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के परोक्ष संदर्भ में केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वे “असमिया संस्कृति को नहीं जानते” और केवल “परिवार के अस्तित्व के लिये” राजनीति कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के परोक्ष संदर्भ में केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वे “असमिया संस्कृति को नहीं जानते” और केवल “परिवार के अस्तित्व के लिये” राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हालांकि भाई-बहन का नाम नहीं लिया। 
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भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस पर असम में पूर्व में किए गए चुनावी वादों को पूरा न कर पाप करने का भी आरोप लगाया। गांधी परिवार के सदस्यों का नाम लिये बगैर केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा, “कुछ दिन पहले गांधी परिवार के दो सदस्य असम आए थे। वे असमिया संस्कृति को नहीं जानते और सिर्फ परिवार को बचाने के लिये राजनीति करते हैं।” 
ईरानी ने 2019 के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश के अमेठी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराया था। असम में कई चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने लोगों से विकास के लिए भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की और भगवा पार्टी को फिर से असम में सत्ता में लाने का अनुरोध किया। 
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने लोगों के उन सपनों को तोड़कर अपराध किया है जो उसने उन्हें सत्ता में आने से पहले दिखाए थे।” कांग्रेस 2001 से 2016 तक लगातार तीन बार असम में सत्ता में थी। ईरानी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिनसे उन लोगों को सीधे फायदा पहुंच रहा है जो पूर्व में कल्याणकारी कार्यक्रमों से वंचित थे। 
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब केंद्र में सत्ता में थी तो वह असम के लिये आवंटित धन भी विकास के लिये वहां नहीं भेजती थी। कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी एआईयूडीएफ को सांप्रदायिक पार्टी करार देते हुए ईरानी ने कहा, “लोगों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य मत फैलाओ और भाइयों को मत लड़वाओ। असमिया लोग अपने परिवारों के विकास व कल्याण के लिये मतदान करेंगे।” 
असम में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिये 27 मार्च को मतदान हुआ था जबकि दो और चरणों में एक और छह अप्रैल को बची हुई सीटों पर मतदान होगा। 
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