Smriti Irani to Mouni Roy : Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi ने बदली इन 5 एक्टर्स की जिंदगी
टीवी की दुनिया में कुछ शोज ऐसे होते हैं जो न सिर्फ यादगार बन जाते हैं, बल्कि उसमें काम करने वाले कलाकारों की किस्मत ही बदल देते हैं। एकता कपूर का सुपरहिट शो “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” भी एक ऐसा ही शो है, जिसने भारतीय टेलीविजन के इतिहास में नया अध्याय लिखा। यह शो 2000 में शुरू हुआ था और 1800 से ज्यादा एपिसोड के साथ सालों तक दर्शकों के दिलों पर राज करता रहा। अब जब इस शो का नया सीजन आ रहा है और इसका फर्स्ट लुक भी सामने आ चुका है, तो चलिए नजर डालते हैं उन 5 कलाकारों पर जिनकी किस्मत इस शो से चमक गई और आज वो इंडस्ट्री के चमकते सितारे बन चुके हैं।
स्मृति ईरानी – तुलसी वीरानी से मंत्री तक का सफर
इस शो की जान कही जाने वाली स्मृति ईरानी ने ‘तुलसी’ के किरदार से जो पहचान बनाई, वो आज भी लोगों के ज़हन में ताज़ा है। उन्होंने एक आदर्श बहू का रोल निभाया और घर-घर में एक आदर्श महिला की छवि बन गईं। इस शो से उन्हें जो शोहरत मिली, उसने उनके करियर की दिशा ही बदल दी। शो के बाद स्मृति ने एक्टिंग छोड़कर राजनीति में कदम रखा और 2014 में मानव संसाधन विकास मंत्री बनीं। आज वो केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। दिलचस्प बात ये है कि अब ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के नए सीजन में वो फिर से नजर आने वाली हैं। खबरों की मानें तो वो इस शो के लिए 14 लाख रुपये प्रति एपिसोड चार्ज कर रही हैं।
अमर उपाध्याय – मिहिर के किरदार से घर-घर में पॉपुलर
अमर उपाध्याय ने 1993 में अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान 2000 में क्योंकि सास भी कभी बहू थी के मिहिर वीरानी के रोल से मिली। जब शो में मिहिर की मौत दिखाई गई, तो लोग सड़कों पर उतर आए थे और एकता कपूर को उन्हें वापस लाना पड़ा। इस शो के बाद अमर कई बड़े शोज का हिस्सा बने जैसे कसौटी जिंदगी की, विरासत, साथिया – प्यार का नया एहसास और चांद के पार चलो। हाल ही में वो शो डोरी में भी नजर आए। मिहिर के रोल ने उन्हें इतना लोकप्रिय बना दिया कि आज भी लोग उन्हें उसी नाम से जानते हैं।
मौनी रॉय – कृष्णा तुलसी से बनीं बॉलीवुड स्टार
आज मौनी रॉय को देखकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक सीरियल से की थी। क्योंकि सास भी कभी बहू थी में उन्होंने कृष्णा तुलसी का किरदार निभाया था और वहीं से उनकी एक्टिंग जर्नी शुरू हुई। शो के बाद मौनी ने एक से बढ़कर एक टीवी शोज किए और उन्हें नागिन सीरीज से जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली। टीवी की दुनिया में अपनी जगह बनाने के बाद मौनी ने बॉलीवुड की तरफ रुख किया और गोल्ड, ब्रह्मास्त्र, मेड इन चाइना जैसी फिल्मों में नजर आईं। अब उनके पास सलाकार और है जवानी तो इश्क होना है जैसी बड़ी फिल्में हैं। आज वो इंडस्ट्री की स्टाइल आइकन और चर्चित एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं।
करिश्मा तन्ना – टीवी से ओटीटी तक का सफल सफर
करिश्मा तन्ना ने भी एक्टिंग की दुनिया में कदम क्योंकि सास भी कभी बहू थी से ही रखा था। इस शो में उन्होंने इंदिरा विरानी का किरदार निभाया था और 2001 से 2005 तक शो का हिस्सा रहीं। शो में उनका किरदार भले ही निगेटिव शेड्स में था, लेकिन उन्होंने अपनी एक्टिंग से सभी का दिल जीत लिया। शो के बाद करिश्मा ने कई टीवी शोज में काम किया, जैसे कहीं तो मिलेंगे, कुसुम, आहट, फियर फैक्टर, बालवीर और बिग बॉस 8। इसके अलावा उन्होंने फिल्मों में भी काम किया – उन्हें संजू में देखा गया था। अब वो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर छा रही हैं। उनकी वेब सीरीज़ स्कूप को खूब तारीफें मिली थीं। आज वो एक्टिंग के साथ-साथ मॉडलिंग और एंकरिंग में भी सक्रिय हैं।
शबीर अहलुवालिया – छोटे रोल से लेकर सुपरहिट लीड तक
शबीर अहलुवालिया ने 1999 में शो हिप हिप हुर्रे से करियर शुरू किया था, लेकिन उन्हें पहचान मिली क्योंकि सास भी कभी बहू थी से, जिसमें उन्होंने अनिकेत मेहरा का किरदार निभाया था। शो के बाद उन्होंने संजीवनी, कहीं तो होगा, काव्यांजलि, कसम से, कयामत जैसे कई हिट टीवी शोज किए। उनका सबसे पॉपुलर शो रहा कुमकुम भाग्य, जिसमें उन्होंने 2014 से 2021 तक अभिषेक मेहरा का लीड रोल निभाया। इस शो ने सालों तक टीआरपी में टॉप रैंकिंग बनाए रखी। फिलहाल शबीर शो उफ्फ… ये लव है मुश्किल में नजर आ रहे हैं। उनकी फैन फॉलोइंग आज भी मजबूत बनी हुई है।
“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” सिर्फ एक फैमिली ड्रामा नहीं था, ये एक प्लेटफॉर्म था जिसने कई टैलेंटेड कलाकारों को उनकी सही पहचान दिलाई। इस शो ने न केवल टीवी इंडस्ट्री की दिशा बदली, बल्कि दर्शकों के एंटरटेनमेंट के मायने भी बदल दिए। अब जब इसका नया सीजन आने वाला है, तो एक बार फिर उसी जादू की उम्मीद की जा रही है। क्या फिर से तुलसी, मिहिर और बाकी किरदार वही पुराना मैजिक दोहराएंगे? इसका जवाब जल्द ही मिल जाएगा। लेकिन एक बात तय है – “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” का इतिहास हमेशा भारतीय टेलीविजन में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।