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सांपों के फनों को कुचलना ही होगा

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11:26 PM Nov 25, 2017 IST | Desk Team

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दुनिया के खूंखार दरिंदों में से एक पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद को पाकिस्तान की अदालत द्वारा बाइज्जत बरी कर दिया जाना एक बहुत ही हैरतंगेज कारनामा है, जिसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। सब जानते हैं कि यह वो आतंकवादी था, जिसने 26/11 यानी मुंबई अटैक की योजना बनाई थी और फिर इसे अंजाम भी दे दिया। 28 विदेशी नागरिकों सहित 164 लोग इस अटैक में मारे गए और सैंकड़ों घायल हुए थे। मुंबई अटैक के गुनहगार को पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका के जोर देने पर जेल में बंद रखा हुआ था। भारत ने इसकी रिहाई का जबर्दस्त प्रोटेस्ट किया है।

अंतर्राष्ट्रिय मंच पर प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आतंक प्रमोटर देश के रूप में बेनकाब भी किया था लेकिन इस आतंकवादी की रिहाई से पाकिस्तान का दोगला चेहरा एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने आ गया। हम यहां पर सिलसिलेवार ढंग से बात करना चाहते हैं कि जिस आतंकवादी के बारे में पाकिस्तान को दर्जनों बार डोजियर सौंपे गए हों (क्योंकि पाकिस्तान सबूत मांग रहा था) इसके बावजूद इस खूंखार आतंकवादी को खुला छोड़ देना कहां का न्याय है। भारत के खिलाफ जहर उगलना जमात-उद-दावा के संस्थापक सईद की फितरत है। सारे खेल में पाकिस्तान की मौजूदा सरकार भी बेनकाब हो गई। हम समझते हैं कि भारत को खुद कोई ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए जिसे कभी अमेरिका भी अंजाम दे चुका है।

भले ही मौजूदा अमेरिकी राष्टति डोनाल्ड ट्रंप आतंकवाद को लेकर भारत के सुर में सुर मिलाते हैं और मोदी जी को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना साथ देने की बात भी कहते हैं परंतु फिर भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके मददगार बने रहते हैं तो क्यों? क्यों भारत इस आतंकवादी के खिलाफ पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई नहीं करता? जब दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अमेरिकी कमांडोज पाकिस्तान के एबटाबाद में घुस सकते हैं तो क्या किसी पाकिस्तानी फौज या सरकार से इजाजत ली गई थी? जब इस आतंकवादी की मूवमेंट के बारे में हमारे पास पूरा फीडबैक है तो फिर इसे खत्म करने के लिए हम अब किसका इंतजार कर रहे हैं? इस कड़ी में अमेरिकी भूमिका को लेकर भी हम यह कहना चाहेंगे कि जब अमेरिका ने पिछले दिनों हक्कानी नेटवर्क को अंतर्राष्ट्रिय आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करते हुए उसे प्रतिबंधित किया तो लश्कर को क्यों इसकी जद में शामिल नहीं किया? जबकि लश्कर ज्यादा खतरनाक है और आज तक जम्मू-कश्मीर में हमारे भोले-भाले युवकों को भड़का कर अपनी आतंकी गतिविधियों को जिहाद का नाम देकर उन्हें इसमें धकेल रहा है।

हमारा मानना है कि सारे मामले में अमेरिका एक बड़ी गेम खेल रहा है। वह वो काम करता है जिसमें उसे अपना लाभ दिखता है। जब अफगानिस्तान में अपने हित देखे तो हक्कानी नेटवर्क पर शिकंजा कस दिया और इधर भारत की बारी आई तो आतंकवाद के खिलाफ एक्शन की बात कहकर पाकिस्तान की पीठ भी थपथपा दी। लिहाजा हमें अमेरिका और अमेरिकी नीति से सावधान रहना चाहिए। यूं मुसलमानों के खिलाफ भाषणबाजी ट्रंप की चाल तो हो सकती है परंतु जिस तरह से वह आतंकवादियों के मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करते तो फिर भारत को अलर्ट हो जाना चाहिए। पाक के शरीफ प्रधानमंत्री साहब बेनकाब हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान के हुक्मरान को हमेशा शीशे में उतारने की कोशिश की लेकिन ये ढीठ लोग सुधर नहीं सकते। सांप का फन और ऐंठ बड़े पक्के होते हैं, उसे कुचल देना ही सही नीति है। हमारी फौज सक्षम है। इतनी सक्षम है कि वह किसी भी बड़े सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे सकती है। श्री मोदी ऐसा करके देशवासियों का दिल जीत चुके हैं, परंतु हम रह-रहकर सुन रहे हैं कि पीओके में आतंक की ट्रेनिंग नियमित रूप से चल रही है तो क्यों हमारी फौजों को एक और सर्जिकल स्ट्राइक की इजाजत नहीं दी जा रही।

हालांकि मोदी रष्ट्रीय स्तर पर सब कुछ ठीक कर रहे हैं, पर लोगों की अपेक्षा यही है कि कम से कम एक बार फिर बॉर्डर पार करके हमारी फौजें इन आतंकवादियों को सबक सिखाएं, जो दोबारा देश और कश्मीर की तरफ मुंह न कर सकें। पाकिस्तान रह-रहकर कभी चीन के साथ मिलकर उसे बॉर्डर के पास आने के मौके देता रहता है परंतु भारत हर तरह से अलर्ट है और समय की मांग यही है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को अब एक बड़े एक्शन से ही उसकी औकात दिखाना जरूरी हो गया है। देशवासियों को हमारी फौज के जांबाज जज्बे और कत्र्तव्यपरायणता के साथ-साथ मोदी टीम पर विश्वास है, परंतु दुश्मन को अगर आप पांव तले रौंदते हैं तो सचमुच देशवासियों को एक संतुष्टि का आभास होता है। जबसे पाकिस्तान ने आतंक के मामले पर अंतर्राष्ट्रिय स्तर पर हुई बातचीत में डोजियर की बात कही उसे हर बार सौंपे गए लेकिन उसकी आदत में मुकरना शामिल हो जाए तो फिर सबक तो सिखाना होगा। यह उम्मीद देशवासियों को अब मोदी सरकार से है। यद्यपि पूरी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान आतंकवादी देश बन चुका है और पूरी दुनिया अलर्ट भी है परंतु फिर भी जहर उगलने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों को अगर घर में घुसकर मार दिया जाए तो न सिर्फ दुनिया में अच्छा संदेश जाएगा बल्कि इस राह पर चलने का ख्वाब देखने वाले और आतंकवादी भी आगे सावधान हो जाएंगे। उम्मीद है भारत पाकिस्तान पर अब गर्म लोहे की तरह प्रहार कर दे तो उसका देश में एक सही संदेश जाएगा, यही समय की मांग है।

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