पृथ्वी के 6 सबसे गहरे Hole, जिनकी गहराई जानकर चक्करा जाएगा सिर, फिर भी सच्चाई का पता नहीं
पृथ्वी की गहराई ने वैज्ञानिकों को कई बार हैरान किया है। धरती के नीचे क्या है इसे जानने के लिए वैज्ञानिक आज भी लगे हुए है। वहीं, पृथ्वी के नीचे कितने किलोमीटर तक जा सकते है, इसके लिए कई ऐसे होल के बारे में रिसर्च की जा रही हैं। हालांकि इनमें से कई होल ऐसे है जो प्राकृतिक नहीं, मानव निर्मित है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही गहरे होल के बारे में बताने वाले है जिनकी गहराई जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
ज़ाकाटोन, मेक्सिको
पृथ्वी पर पानी से भरा ये सबसे गहरा सिंकहोल मेक्सिको के तमाउलिपास के अल्दामा में मौजूद है। इसे एल ज़ाकाटोन के नाम से जाना जाता है। सबसे दिलचस्प ये है कि ये 2007 तक नहीं था। इसका पता तब लगा जब नासा का फंडेड डीप फ़्रीटिक थर्मल एक्सप्लोरर (DEPTHX) रोबोट 1,000 फीट (300 मीटर से अधिक) की गहराई पर नीचे तक पहुंच गया था।
कोला सुपरदीप बोरहोल, रूस
कोला सुपरडीप बोरहोल 1970 से 1992 तक रूस के मरमंस्क में खोदा गया था। यह 7.5 मील (12 किमी) से अधिक की गहराई तक खोदा गया था, जिससे यह दुनिया का सबसे गहरा बोरहोल बन गया। बता दें, कोला सुपरडीप बोरहोल पृथ्वी की परत में गहराई तक जाता है, लेकिन 356°F (180°C) से अधिक के तापमान ने ड्रिल को अधिक गहराई तक खोदने की अनुमति नहीं दी और बोरहोल को सील कर दिया गया और इसे उतनी ही गराई पर छोड़ दिया गया।
तारिम बेसिन, चीन
वहीं, इसी साल यानी 2023 में चीन ने तारिम बेसिन में 6.9 मील (11 किमी) गहरा बोरहोल खोदना शुरू किया। इसे खोदने का कारण तेल और गैस की खोज करना है। लेकिन प्राकृतिक संसाधनों के अलावा, परियोजना से वैज्ञानिक रिसर्च को भी फायदा होगा।
द बिग होल, दक्षिण अफ़्रीका
आपको जानकर हैरानी होगी कि दक्षिण अफ्रीका के किम्बर्ली में द बिग होल प्राकृतिक रूप से नहीं बनाया गया था, न ही इसे मशीनों द्वारा खोदा गया था। इस खुले गड्ढे और अंडरग्राउंड खदान की खुदाई वास्तव में हाथ से की गई थी। लेकिन दुख की बात है कि 1880 के दशक में इस हीरे की खदान की खुदाई करते समय सैकड़ों अफ्रीकी श्रमिकों की मृत्यु हो गई थी। बिग होल 40 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसकी गहराई 2,600 फीट (792 मीटर) से अधिक है।
मारियाना ट्रेंच, प्रशांत महासागर
पेसिफिक ओशियन में, मारियाना द्वीप समूह से लगभग 124 मील (200 किमी) पूर्व में, गुआम के पास मौजूद, मारियाना ट्रेंच हमारी पृथ्वी पर सभी महासागरों में सबसे गहरा जानबिंदु है। खोज में पाया गया है कि मारियाना ट्रेंच की गहराई 6.8 मील (11 किमी) से अधिक है और यहाँ काफ़ी ठंड भी होती है, तापमान गिरकर 34°F (1.1°C) तक पहुँच जाता है। जहाँ तक दबाव की बात है, यह समुद्र तल पर वायुमंडल पर 1,000 गुना से अधिक अनुभव किया गया है।
ज़ियाओझाई तियानकेंग
ज़ियाओझाई तियानकेंग, जिसे हेवनली पिट के नाम से भी जाना जाता है, पृथ्वी पर सबसे बड़ा और सबसे गहरा सिंकहोल है, इसकी गहराई 2,200 फीट (670 मीटर) है। ऐसा माना जाता है कि ज़ियाओझाई तियानकें 128,000 वर्ष पहले बना था।