ऐसी आइसक्रीम जिसमें ना तो दूध ना मलाई, प्लास्टिक से बनाई गई, वैनिला जैसा है इसका स्वाद, अभी तक किसी ने नहीं चखा
अलग-अलग तरीकों से पर्यावरण को सुरक्षित किया जा रहा है। कुछ लोग कम प्लास्टिक का उपयोग करने की वकालत करते हैं, जबकि बहुत से प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देते हैं।
हालाँकि, आपने अभी तक किसी को प्लास्टिक से चॉकलेट या आइसक्रीम बनाते हुए शायद ही सुना होगा। लेकिन ऐसा एक अनोखा कारनामा यूनाइटेड किंगडम के एक डिज़ाइनर ने कर के दिखा दिया है।
आइसक्रीम के लिए एक अनोखा एक्सपेरिमेंट
एक डिजाइनर एलियोनोरा ( Eleonora Ortolani) का दावा है कि उनकी प्लास्टिक से बनी वेनिला आइसक्रीम खाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। एलियोनोरा के अनुसार इसका नाम गिल्टी फ्लेवर्स (Guilty Flavours) प्रोजेक्ट है। उनके अनुसार, वह प्लास्टिक के ठीक तरीके से रीसाइक्लिंग ना हो पाने की वजह से परेशान थी और पर्यावरण पर इसके असर को कम करने के लिए इसे एडिबल बनाना चाहती थी।
प्लास्टिक से बनी आइसक्रीम आई सामने
एलियोनोरा ( Eleonora Ortolani) अपने प्रोजेक्ट के तहत ऐसा प्लास्टिक बनाना चाहती थीं जिसको लोग खा सकें। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में ऐसा कहा कि उन्हें इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद भी नहीं थी। लंदन मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में जोआना एल्डर नाम की एक फूड साइंटिस्ट और रिसर्चरसे आखिर वह मिली और उन्होंने प्लास्टिक वैनिलिन बनाने में उनकी बहुत मदद भी की। वैनिलिन नाम के केमिकल का इस्तेमाल बाज़ार में बिकने वाले उत्पादों में वेनिला के ऑप्शन की तरह किया जाता है। एलियोनोरा ने इसे प्लास्टिक से निकाला क्योंकि कच्चा तेल यहीं से आता है।
अब तक किसी ने नहीं लिया इसका स्वाद
इस प्रक्रिया के बाद प्लास्टिक में कोई पॉलिमर नहीं बचा है क्योंकि प्लास्टिक का एंजाइम बिल्कुल खत्म हो गया है। इसकी गंध भी बिल्कुल वैनिलिन जैसी होती है। यहां तक कि खुद एलियोनोरा ने भी इस आइसक्रीम को अभी तक नहीं खाया है क्योंकि यह दुनिया का पहला ऐसा प्रयोग है और किसी को भी इसे तब तक नहीं खाना चाहिए जब तक कि पूर्ण सुरक्षा विश्लेषण न हो जाए। इसे रेफ्रिजरेटर में जमा किया गया था।