समाज कल्याण विभाग के साड़ी- पेटीकोट वितरण योजना संदेह के घेरे में: राजेश राठौड़
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के साड़ी- पेटीकोट वितरण योजना की निविदा को संदेह के कटघरे में खड़ा कर कहा है कि 300 करोड़ रुपए की यह निविदा पूरी तरह से संदेह के घेरे में है।
06:13 PM Dec 29, 2020 IST | Ujjwal Jain
पटना, (पंजाब केसरी): कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के साड़ी- पेटीकोट वितरण योजना की निविदा को संदेह के कटघरे में खड़ा कर कहा है कि 300 करोड़ रुपए की यह निविदा पूरी तरह से संदेह के घेरे में है।
बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के द्वारा इसी वर्ष 24 जनवरी को राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने विभागीय पत्रांक संख्या 02(स्थापना)-68/2020 दिनांक-23-01-2020 के माध्यम से पत्र लिखकर केंद्र सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक से महिला एवं बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत राज्य महिला एवं बाल संरक्षण समिति, जिला महिला संरक्षण इकाई एवं राज्य सरकार के द्वारा संचालित मुफ्त साड़ी एवं पेटीकोट वितरण के लिए साड़ी तथा पेटीकोट खरीदने की स्वीकृति मांगी गई।
उक्त पत्र में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने साड़ी-पेटिकोट की खरीद हेतु तकनीकी सत्यापन के बाद तय किए गए कंपनी संस्कार टेक्स प्रिंट्स प्राइवेट लिमिटेड का उल्लेख किया था।पत्र में उल्लेखित था कि इस कंपनी को कागजात तथा सैंपल की तकनीकी जांच कर खरीदेगी हेतु चयनित किया गया है। पत्र में साड़ी एवं पेटिकोट की संख्या 4902000 बताया गया है।वही प्रति साड़ी एवं पेटीकोट खरीद हेतु रू 612 का दर भी अंकित है।
इस पत्र के लगभग एक माह के बाद भारत सरकार के समाज कल्याण विभाग की निदेशक ने पुनः बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक को 17-02-2020 को पत्र लिखकर खरीद हेतु स्वीकृति प्रदान की।उन्होंने कहा कि 300 करोड़ मूल्य के इस निविदा में अग्रधन जमा राशि गुजरात की इस कंपनी से मात्र 6 लाख रुपए ली गई।जबकि आमतौर में किसी निविदा के विरुद्ध निविदा प्राप्त करने वाले कंपनी से कम से कम 2% अग्रधन जमा राशि ली जाती है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के अन्य विभागों में अग्रधन जमा राशि के रूप में 2% का प्रावधान है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि गुजरात के जिस कंपनी संस्कार टेक्स प्रिंट प्राइवेट लिमिटेड को इतना बड़ा कार्य सौंपा गया है।उसका रजिस्ट्रेशन भी 2018 का है।उन्होंने कहा कि मात्र डेढ़ वर्ष पूर्व स्थापित कंपनी को इतनी बड़ा ठेका दिया जाना अपने आप में बड़े घोटाले का संकेत देता है।
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