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'दिल में कुछ, जुबान पर कुछ और', Mayawati का Rahul Gandhi समेत कई पार्टियों पर तीखा हमला

11:41 AM Jul 26, 2025 IST | Shivangi Shandilya
Mayawati का Rahul Gandhi पर तीखा हमला

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पिछड़े समाज से 'माफी' मांगते हुए, यह स्वीकार किया कि कांग्रेस और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से, पिछड़े वर्गों के लिए उतना काम नहीं किया जितना किया जाना चाहिए था। उन्होंने इसे अपनी गलती बताया है। इस मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Rahul Gandhi) द्वारा यह स्वीकार करना कि पिछड़े समाज को उनका हक दिलाने में कांग्रेस खरी नहीं उतरी, यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दिल में कुछ और जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है।

एक्स पर पोस्ट कर उठाए कई सवाल

बसपा मुखिया मायावती (Mayawati) ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह स्वीकार करना कि देश के विशाल आबादी वाले अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) समाज के लोगों की राजनीतिक व आर्थिक आशा, आकांक्षा व आरक्षण सहित उन्हें उनका संवैधानिक हक दिलाने के मामलों में कांग्रेस पार्टी खरी व विश्वासपात्र नहीं रही है कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दिल में कुछ व जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है। वास्तव में उनका यह बयान उसी तरह से जगजाहिर है जैसा कि देश के करोड़ों शोषित, वंचित व उपेक्षित एससी/एसटी समाज के प्रति कांग्रेस पार्टी का ऐसा ही दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण रवैया लगातार रहा है और जिस कारण ही इन वर्गों के लोगों को फिर अन्ततः अपने आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा अपने पैरों पर खड़े होने की ललक के कारण अलग से अपनी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) यहां बनानी पड़ी है।"

नीयत व नीति में हमेशा खोट

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Mayawati का Rahul Gandhi पर तीखा हमला

मायावती (Mayawati) ने लिखा, "कुल मिलाकर इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी यूपी सहित देश के प्रमुख राज्यों की सत्ता से लगातार बाहर है और अब सत्ता गंवाने के बाद इन्हें इन वर्गों की याद आने लगी है जिसे इनकी नीयत व नीति में हमेशा खोट रहने की वजह से घड़ियाली आंसू नहीं तो और क्या कहा जाएगा, जबकि वर्तमान हालात में बीजेपी के एनडीए का भी इन वर्गों के प्रति दोहरे चरित्र वाला यही चाल-ढाल लगता है। वैसे भी एससी/एसटी वर्गों को आरक्षण का सही से लाभ व संविधान निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं करने तथा देश की आज़ादी के बाद लगभग 40 वर्षों तक ओबीसी वर्गों को आरक्षण की सुविधा नहीं देने तथा सरकारी नौकरियों में इनके पदों को नहीं भरकर उनका भारी बैकलॉग रखने आदि के जातिवादी रवैयों को भला कौन भुला सकता है, जो कि इनका यह अनुचित जातिवादी रवैया अभी भी जारी है।"

सत्ता गंवाने के बाद इनकी याद आ रही

मायावती (Mayawati) ने लिखा, "कुल मिलाकर इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी यूपी सहित देश के प्रमुख राज्यों की सत्ता से लगातार बाहर है और अब सत्ता गंवाने के बाद इन्हें इन वर्गों की याद आने लगी है जिसे इनकी नीयत व नीति में हमेशा खोट रहने की वजह से घड़ि‌याली आंसू नहीं तो और क्या कहा जाएगा, जबकि वर्तमान हालात में बीजेपी के एनडीए का भी इन वर्गों के प्रति दोहरे चरित्र वाला यही चाल-ढाल लगता है। वैसे भी एससी/एसटी वर्गों को आरक्षण का सही से लाभ व संविधान निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं करने तथा देश की आज़ादी के बाद लगभग 40 वर्षों तक ओबीसी वर्गों को आरक्षण की सुविधा नहीं देने तथा सरकारी नौकरियों में इनके पदों को नहीं भरकर उनका भारी बैकलॉग रखने आदि के जातिवादी रवैयों को भला कौन भुला सकता है, जो कि इनका यह अनुचित जातिवादी रवैया अभी भी जारी है।"

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एक ही थैली के चट्टे-बट्टे

उन्होंने (Mayawati) लिखा, "इतना ही नहीं बल्कि इन सभी जातिवादी पार्टियों ने आपस में मिलकर एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को किसी ना किसी बहाने से एक प्रकार से निष्क्रिय एवं निष्प्रभावी ही बना दिया है। इस प्रकार दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़ों इन बहुजन समाज को सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक तौर पर गुलाम व लाचार बनाए रखने के मामलों में सभी जातिवादी पार्टियाँ हमेशा से एक ही थैली के चट्टे-बट्टे रहे हैं, जबकि अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी सदा ही इन वर्गों की सच्ची हितैषी रही है और यूपी में चार बार बी.एस.पी. के नेतृत्व रही सरकार में सर्वसमाज के गरीबों, मज़लूमों के साथ-साथ बहुजन समाज के सभी लोगों के जान-माल व मज़हब की सुरक्षा व सम्मान तथा इनके हित एवं कल्याण की भी पूरी गारण्टी रही है।"

किसी भी बहकावे में नहीं आयें

मायावती (Mayawati) ने आगे लिखा, "देश के बहुजनों का हित केवल बीएसपी की आयरन गारंटी में ही निहित है। अतः ख़ासकर दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी समाज) के लोग ख़ासकर कांग्रेस, सपा आदि इन विरोधी पार्टियों के किसी भी बहकावे में नहीं आयें, यही उनकी सुख, शान्ति व समृद्धि हेतु बेहतर है।"

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