सोनम वांगचुक गिरफ्तार, लेह में सबकुछ तबाह! इंटरनेट बंद; जानें अभी का ताजा हाल
Sonam Wangchuk Arrested: लेह हिंसा के तीन दिन बाद पुलिस ने शुक्रवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। हालात के मद्देनजर इंटरनेट सेवा को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। लेह पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने सोनम वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
Sonam Wangchuk Latest News: वांगचुक की क्या है मांग?

10 सितंबर को वांगचुक ने लेह शहर में क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा की मांग को लेकर अनशन शुरू किया था। इसके बाद सोनम वांगचुक ने 24 सितंबर को अपना अनशन तब तोड़ा, जब शहर में बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई। 24 सितंबर को लेह शहर में अनियंत्रित भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया। भीड़ ने सीआरपीएफ के एक वाहन को आग लगा दी। इतना ही नहीं, भाजपा कार्यालय और लेह की शीर्ष संस्था के कार्यालय में भी आगजनी हुई और लद्दाख के डीजीपी के वाहन को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।
Sonam Wangchuk Ladakh: लेह हिंसा के बाद ऐसा है स्थिति

हालात बेकाबू होने पर सुरक्षा बलों ने फायरिंग कर दी, जिसमें चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और करीब 70 घायल हो गए। कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए अधिकारियों ने लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया। गुरुवार शाम कारगिल शहर में भी कर्फ्यू लगा दिया गया। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। गृह मंत्रालय ने एफसीआरए अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) के संस्थापक सोनम वांगचुक का एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया।
वांगचुक ने सभी आरोपों से इनकार किया
इधर, 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले वांगचुक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया था कि उनके गैर-लाभकारी संगठन ने विदेशी चंदा नहीं लिया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र, स्विस और इतालवी संगठनों के साथ व्यापारिक लेन-देन किए हैं और सभी करों का भुगतान किया है।
अरेस्ट होने पर वांगचुक ने क्या कुछ कहा?
वांगचुक ने कहा, "केंद्र सरकार ने इसे विदेशी चंदा समझ लिया। मैं इसे उनकी एक गलती मानता हूं और इसलिए मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।" पुलिस ने कुछ नेपाली नागरिकों और जम्मू क्षेत्र के डोडा शहर के उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है जो हिंसा में शामिल थे। अब वे सुरक्षा बलों की कार्रवाई में लगी चोटों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं।
Sonam Wangchuk Arrested: लद्दाख को लेकर वांगचुक ने क्या बताया?
2019 में जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था तो केंद्र के इस फैसले का व्यापक स्वागत हुआ था और सोनम वांगचुक उस स्वागत अभियान में सबसे आगे थे। बाद में, उन्होंने छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा और अन्य मांगों के लिए केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल का नेतृत्व किया। केंद्र सरकार का मानना है कि लद्दाख के एक बेहद शांतिपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हिंसा स्वतःस्फूर्त नहीं हुई है, बल्कि इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए बाहरी लोगों ने उकसाया है।
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