W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

सोनभद्र : सोने की खदान के पास जहरीले सांपों का डेरा !

उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाने वाला सोनभद्र भारी मात्रा में सोना मिलने से अब सबसे पैसे वाला हो गया है। लेकिन यहां पर मिली सोने की खदान के पास सबसे जहरीली सांपों का डेरा भी है।

07:06 PM Feb 22, 2020 IST | Shera Rajput

उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाने वाला सोनभद्र भारी मात्रा में सोना मिलने से अब सबसे पैसे वाला हो गया है। लेकिन यहां पर मिली सोने की खदान के पास सबसे जहरीली सांपों का डेरा भी है।

सोनभद्र   सोने की खदान के पास जहरीले सांपों का डेरा
उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाने वाला सोनभद्र भारी मात्रा में सोना मिलने से अब सबसे पैसे वाला हो गया है। लेकिन यहां पर मिली सोने की खदान के पास सबसे जहरीली सांपों का डेरा भी है। सोनभद्र की पहाड़ियों में विश्व के सबसे जहरीले सांपों की प्रजातियों में से तीन प्रजाति रसेल वाइपर, कोबरा व करैत ने अपना असियाना बना रखा है। 
सोनभद्र के डीएफओ (वाइल्ड लाइफ ) संजीव कुमार ने ‘जब वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने की प्रक्रिया होगी, उस दौरान हम जांच के बाद बता पाएंगे कि इन इलाकों में कितने जहरीले सांप हैं। हां, इससे पहले रसेल वाइपर, कोबरा और करैत जैसे सांप यहां मिल चुके हैं।
स्थानीय लोग बता रहे हैं कि सोनभद्र जिले के जुगल थाना क्षेत्र के सोन पहाड़ी के साथी दक्षिणांचल के दुद्धी तहसील के महोली विंढमगंज चोपन ब्लॉक में काफी संख्या में सांप मौजूद हैं। 
उधर, सरकार ने इन खदानों को लीज पर देने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। इनके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया से पूर्व जिओ टैगिंग की कार्रवाई शुरू की गई है। इसी क्रम में जीएसआई खदान के इलाके का हवाई सर्वेक्षण करा रही है। 
ज्ञात हो कि विश्व के सबसे जहरीले सांपों की कई प्रजातियां आस्ट्रेलिया के जंगलों में भी पाई जाती हैं। दुर्लभ प्राजति के सांपों के अस्तित्व को देखते हुए आस्ट्रेलिया में भी कोयले की खदान खनन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। 
सांपों के विषेषज्ञों के अनुसार, रसेल वाइपर विश्व के सबसे जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर हीमोटक्सिन होता है, जो खून को जमा देता है। 
काटने के दौरान यदि यह अपना पूरा जहर शरीर में डाल देता है तो मनुष्य की घंटेभर में मौत हो सकती है। यही नहीं, यदि जहर कम जाता है तो काटे स्थान पर घाव हो जाता है, जो खतरनाक साबित होता है। 
Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×