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UP विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सपा के उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन पत्र, BJP ने नितिन अग्रवाल का किया समर्थन

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा और पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने रविवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
UP विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सपा के उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन पत्र, BJP ने नितिन अग्रवाल का किया समर्थन
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा और पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने रविवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि मतदान सोमवार को होगा।
उल्लेखनीय है कि परंपरागत तौर पर मुख्य विपक्षी दल के विधायक को ही विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जाता रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है। नितिन अग्रवाल के पिता एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।
दोनों उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र रविवार को विधान भवन में दाखिल किया। नितिन अग्रवाल द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा नरेश अग्रवाल भी मौजूद थे।
भाजपा ने सभी संसदीय परंपराओं का किया है पालन - योगी 
नितिन अग्रवाल ने नामांकन के समय नीले रंग का पटका पहना था जिस पर 'जय श्री राम' लिखा था। नितिन द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा, भाजपा ने सभी संसदीय परंपराओं का पालन किया है।''
उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष का पद सबसे बड़े विपक्षी दल के लिए आरक्षित किया गया था, लेकिन जब वे (सपा) प्रत्याशी नहीं दे पाये और विपक्षी दल से ही नितिन अग्रवाल प्रत्याशी के रूप आए हैं तो उनका समर्थन करने और संसदीय परंपराओं का सम्मान करने के लिए यहां आए हैं।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, नितिन अग्रवाल सपा के टिकट पर विधायक बने और आज भी सपा के विधायक हैं। सभी संसदीय परंपराओं का पालन किया गया और अगर दो उम्मीदवार मैदान में हैं तो मतदान होगा। उन्होंने सब कुछ नियमों के दायरे में बताते हुए विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
नितिन ने कहा, ‘‘मैंने चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किये हैं और जिन लोगों ने मेरा नाम प्रस्तावित किया है, उनमें राकेश सिंह (हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक), अनिल सिंह (पुरवा से बहुजन समाज पार्टी विधायक), संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, राज्‍य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार और विधायक राजपाल वर्मा शामिल हैं।’’
UP में 14 साल बाद हो रहा है विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव
उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 14 वर्षों बाद हो रहा है। भाजपा के राजेश अग्रवाल को इस पद के लिए जुलाई 2004 में निर्विरोध चुना गया था और उनका कार्यकाल मई 2007 तक था। इसके बाद, विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ था।
हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि विधानसभा का उपाध्‍यक्ष चुने जाने के बाद वह संविधान के प्रावधानों के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि औपचारिक रूप से भाजपा में उनका शामिल होना अभी बाकी है।
वहीं, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं सपा का उम्मीदवार हूं और परंपरा के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल को मिलता है, इसलिए यह हमें मिलना चाहिए।’’ नितिन अग्रवाल के संबंध में उन्होंने कहा कि वह हमारे छोटे भाई हैं, वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया।

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वर्मा ने आरोप लगाया कि परंपरा के अनुसार यह पद विपक्ष को मिलना चाहिए, लेकिन भाजपा संसदीय परंपराओं को तोड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सत्तारूढ़ दल से कोई उम्मीद नहीं है।’’ वर्मा के नामांकन दाखिल करने के समय नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी भी मौजूद थे। चौधरी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए पत्रकारों से कहा, ''विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर विपक्ष के सबसे बड़े दल के सदस्य को सदन में निर्वाचन के उपरांत पदस्थापित करने की अब तक की परंपरा रही है।
सपा इस पद पर पिछड़े या दलित वर्ग के किसी योग्य एवं अनुभवी सदस्य को बैठाना चाहती थी परंतु भाजपा पिछड़े या दलित वर्ग के किसी सदस्य को यह पद नहीं देना चाहती थी इसलिए साढ़े चार साल तक निर्वाचन नहीं कराया और अब चुनाव नजदीक देखते हुए वोट की राजनीति कर रही है।''

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उन्होंने कहा, ''भाजपा ने अब अचानक साढ़े चार साल बाद सपा के विधायक नितिन अग्रवाल को उपाध्‍यक्ष बनाने लिए अचानक सदन आहूत कर नामांकन की तारीख तय कर दी।'' चौधरी ने कहा, ''नितिन अग्रवाल भाजपा के उम्मीदवार हैं और सपा ने पिछड़े वर्ग के नरेंद्र सिंह वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है और कल सदन में निर्वाचन के बाद पता चलेगा कि भाजपा विधानसभा की परंपरा का पालन करती है या नहीं।''
इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा, ''भारतीय जनता पार्टी जो संवैधानिक व्यवस्था है, उसका अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करती है और संसदीय मान्य परंपरा व संविधान सम्मत परंपराओं को मजबूत करने के लिए काम करती है। विपक्ष का आरोप पूर्णतया राजनीति प्रेरित है।''
उप्र विधानसभा की वेबसाइट के मुताबिक इस समय सदन में भाजपा के 304, सपा के 49, बसपा के 16, अपना दल के नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार और तीन निर्दलीय, दो असंबद्ध सदस्य, राष्ट्रीय लोकदल के एक और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के एक सदस्य हैं।
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