उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी औऱ राज्यपाल ने 'एक शाम सैनिकों के नाम' कार्यक्रम में लिया हिस्सा
पूर्व सैनिकों के सम्मान में उत्तराखंड में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम
उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर राजभवन में सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘एक शाम सैनिकों के नाम’ में भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीरता पदक विजेताओं और सराहनीय कार्य करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान अर्धसैनिक बल के जवानों और अधिकारियों को राज्यपाल के प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए गए।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने क्या कहा
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिकों का अनुभव और नेतृत्व क्षमता राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है, उनका जीवन अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति का अनूठा उदाहरण है, जो वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से अपने अनुभवों से समाज और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहयोग करने का आग्रह किया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, जिसे देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां कई वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। आज का यह कार्यक्रम हमारे उन वीरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक छोटा सा प्रयास है। यह हमारे सैनिकों और उनके परिवारों को संदेश देता है कि उनका बलिदान न केवल हमारे लिए अमूल्य है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्या कहा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक सैनिक का बेटा होने के नाते जब भी वह सैनिकों से जुड़े किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो उन्हें ऐसा लगता है कि वह अपने परिवार के बीच हैं। उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का आभार व्यक्त करते हुए आयोजित कार्यक्रम को प्रेरणादायी बताया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास में उत्तराखंड के हमारे वीर जवानों का योगदान अतुलनीय रहा है।