शशि को लेकर केरल कांग्रेस में फूट! थरूर बोले- मैं किसी से नहीं डरता, किसी को मुझसे डरने की जरूरत नहीं
अपने मालाबार दौरे को लेकर पार्टी के अंदर मची हलचल और उन्हें मिल रहे समर्थन से अप्रभावित दिख रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को अपनी यात्रा जारी रखते हुए यहां यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं है तथा किसी को भी उनसे डरने की जरूरत नहीं है।
03:18 PM Nov 22, 2022 IST | Desk Team
Advertisement
अपने मालाबार दौरे को लेकर पार्टी के अंदर मची हलचल और उन्हें मिल रहे समर्थन से अप्रभावित दिख रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को अपनी यात्रा जारी रखते हुए यहां यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं है तथा किसी को भी उनसे डरने की जरूरत नहीं है।
Advertisement
किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं
मीडिया ने सवाल किया कि केरल में उनके दौरे से कौन डरता है, इसके जवाब में थरूर ने कहा, “मैं किसी से नहीं डरता और किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राज्य कांग्रेस के भीतर कोई गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
तिरुवनंतपुरम के सांसद की टिप्पणी उन अटकलों के बीच महत्व रखती है कि केरल में कांग्रेस नेतृत्व का एक वर्ग उनके बढ़ते समर्थन और राज्य में पार्टी के भीतर एक “थरूर गुट” के उभरने से आशंकित प्रतीत होता है, जहां पार्टी ने 2016 में प्रतिद्वंद्वी माकपा के हाथों सत्ता गंवा दी थी।
Advertisement
कांग्रेस पार्टी में “ए” और “आई” समूह सक्रिय
थरूर ने कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि यह (उनका दौरा) विभाजनकारी रणनीति या गुटबाजी है। हमारा कोई गुट बनाने का इरादा नहीं है और न ही हमारी इसमें रुचि है। कांग्रेस पहले से ही ‘ए’ और ‘आई’ समूहों से भरी हुई है और अब ‘ओ’ और ‘वी’ जैसे अक्षर जोड़ने की जरूरत नहीं है।” केरल में करुणाकरण और एके एंटनी, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के समय से कांग्रेस पार्टी में “ए” और “आई” समूह सक्रिय हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “अगर एक अक्षर होना है, तो वह एक संयुक्त कांग्रेस के लिए ‘यू’ होना चाहिए, जिसकी हम सभी को जरूरत है। इस दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं है। मैं यूडीएफ के दो सांसदों के एक सहयोगी दल के नेताओं से मिलने में कोई बड़ी बात देखने की जरूरत नहीं समझ पा रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश में विभाजनकारी राजनीति सक्रिय थी, ऐसी राजनीति की जरूरत थी जो सभी को एक साथ लाए और यह प्रशंसनीय है कि आईयूएमएल ने हाल ही में चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए।
Advertisement