BCCI का फाउंडेशन कहे जाने वाला रोशनाआरा क्रिकेट क्लब हुआ सील, जानिए क्या है वजह
भारतीय क्रिकेट के लिए एक बुरी खबर आई हैं। सन 1928 में जहां बीसीसीआई यानी की बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया का फॉर्मेशन हुआ था, उस जगह को डी डी ए यानी की दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा बैन कर दिया गया है। वहीं इस क्लब के बैन करने का आदेश हाई कोट के तरफ से आया है। हाई कोर्ट द्वारा आए इस आदेश से रोशनआरा क्लब के सभी अधिकारी स्कॉड हैं।
दरअसल इस क्लब को सील करने के पीछे का मुख्य कारण बताया जा रहा है इस क्लब का ल लीज रिन्यू नहीं किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली के रोशन रोड में स्थित इस रोशनआरा क्लब को दिल्ली में क्रिकेट का मक्का भी कहा जाता है। ऐसे में इस क्लब का सील होने क्रिकेट को काफी क्षति पहुंचा सकता है। वहां के एक अधिकारी ने बताया है कि यह क्रिकेट के लिए एक काला दिन है। आपको पता हो कि इस क्लब के साथ कई सारी यादें जुड़ी हुई है, जिसमें कई सारे डोमेस्टिक मुकाबले खेले गए हैं। वहीं आईपीएल जब बायो-बबल में खेला जा रहा था कोविड के दौरान तब कई सारे इंटरनेशनल खिलाड़ी यहां प्रैक्टिस करने आए हुए थे। यहां कई सारे फस्ट क्लास मुकाबले खेले गए हैं, जो कि यादगार मुकाबलों में से एक हैं।
दिल्ली क्रिकेट में एक ऐसा दौर था जब एसोसिएशन ने अपनी जीवंत सतह के कारण रोशनआरा में रणजी ट्रॉफी के अपने अवश्य जीतने वाले मुकाबलों की मेजबानी की थी और यहां तक कि व्यवसाय के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को भी यहां संघर्ष करना पड़ा था। यह सुविधा वर्षों तक पुरानी दुनिया के आकर्षण को बरकरार रखती रही और इसमें टेनिस, स्क्वैश, टेबल टेनिस और तैराकी जैसे कई अन्य खेलों की भी सुविधा थी। 100 साल से भी ज्यादा से चल रहे इस क्लव के सील होने से यहां के अधिकारियों के रोजी-रोटी पर भी फर्क पड़ेगा। यहां पर लगभग 450 लोग काम करते है, जिनका रोजगार ही इसी क्लब के द्वारा चलता था।
वहीं यहां के लीगल एडवाइजर मनीष अग्रवाल ने कहां है कि कानूनी पक्ष रखा और कहा कि हमें इस पर निचली अदालत से स्टे मिला हुआ था, लेकिन अचानक इसको सील कर दिया गया. हमें कोर्ट में अपील करने का भी मौका नहीं दिया गया और अब इसको लेकर कोर्ट का रुख करेंगे. तो अब देखने वाली बात होगी कि आगे मनीष अग्रवाल आगे क्या स्टेप लेते हैं।