World Cup 2023: Glenn Maxwell की पारी ने दिलाई Kapil Dev की याद
ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले में हमें एक चमत्कार देखने को मिला, और यह चमत्कार हुआ तूफानी बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल के बल्ले से। हालांकि आज से 30 साल पहले भी इसी तरह का तूफान भारत के पूर्व सबसे सफल कप्तान कपिल देव ने भी किया था विश्व कप में, जो कि देखने लायक था, मगर दुर्भाग्य से कोई देख नहीं पाया।
पहले बात करते है ऑस्ट्रेलिया- अफगानिस्तान के मुकाबले के बारे में जिसमें मैक्सवेल ने अकेले अपने दम पर अपनी टीम को जीत दिलाते हुए विश्व कप 2023 के सेमीफाइनल में जगह पक्का करवा दिया। इस मुकाबले में अफगानिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और स्कोरबोर्ड पर लगा दिए 291 रन। पहली इनिंग में भी हमें एक स्पेशल शतक देखने को मिला अफगानी खिलाड़ी इब्राहिम जादरान द्वारा, जोकि 129 रन की पारी खेली और पहले अफगानिस्तान खिलाड़ी बने, जिन्होंने विश्व कप में शतक लगाया। 292 के लक्ष्य को हासिल करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की पारी भी शुरुआत में लड़खड़ा गई थी। जी हां, टीम के 7 विकेट मात्र 91 रन पर गिर चुके थे। जिसके बाद टीम को वहां से 201 रन जीत के लिए बनाने थे, जो कि असंभव था। वहीं क्रीज पर थे संकटमोचन ग्लेन मैक्सवेल और कप्तान पैट कमिंस। मैक्सवेल ने भी अपनी पारी को आगे बढ़ाया, फिर धीरे-धीरे पारी में गियर बढ़ाना शुरू किया, उसके बाद उन्हें हैम्सिंग इंजरी भी हुई, कप्तान, अंपायर सबने कहा कि आप ड्रेसिंग रूम चले जाएं, पर उन्होंने किसी की बात नहीं मानी। विकेट गिरने के बाद आने वाले बल्लेबाज एडम जैम्पा भी बाउंड्री लाइन पर खड़े थे, कि अगर मैक्सवेल इंजर्ड हो जाते हैं तो वो बल्लेबाजी करने आएंगे। मगर मैक्सवेल कहां हार मानने वाले थे। उन्होंने किसी की नहीं सुनी और एक टांग पर खेलते हुए 128 गेंदों का सामना किया और 21 चौके और 10 छक्के की मदद से नाबाद रहते हुए 201 रन की पारी और टीम को जीत दिला दी।
इस पारी के बदौलत मैक्सवेल महान खिलाड़ियों की गिनती में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। ऐसी पारी हमें काफी कम देखने को मिलती है या फिर यूं कहें कि सालों में एक-आध बार देखने को मिलती है। लेकिन मैक्सवेल की इस पारी ने एक ऐसी पारी की याद सबको दिला दी जो कि आज से लगभग 40 साल पहले 1983 के विश्व कप में भारत को पहला विश्व कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने खेली थी। जी हां, कपिल देव 1983 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी जिम्बाब्वे के खिलाफ एक ऐसी ही पारी खेली थी और भारत के सपने को टूटने से बचा लिया था। वो दिन था 18 जून का और विश्व कप का 20वां मुकाबला खेला जा रहा था। उस मुकाबले में कपिल देव ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया टॉस जीत कर, फिर आराम से नहाने के लिए चले गए थे क्योंकि उनका बल्लेबाजी क्रम 6 था, तो उन्हें लगा जब तक उनकी बल्लेबाजी आएगी, तब तक वो नहा-धो लेगें। पर उस दिन उनकी बल्लेबाजी इतनी जल्दी आ जाएगी, यह किसी को मालूम नहीं था। ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर, श्रीकांत दोनों शून्य पर चलते बने, उसके बाद मोहिंदर अमरनाथ 5, संदीप पाटिल 1 पर पवेलियन लौट गए। यशपाल शर्मा दूसरे छोड़ पर खड़े थे, तभी बाथरूम से निकल कर जैसे-तैसे कपिल देव की मैदान पर टीम को संभालने के लिए एंट्री हो गई। फिर उन्होंने जो जिम्बाब्वे के गेंदबाजों की क्लास लगाई, वो उस वक्त स्टेडियम में आए दर्शकों के अलावा कोई नहीं देख पाया, मगर वो देखने लायक था। उस मुकाबले में कपिल देव ने नाबाद 138 गेंदों पर 16 चौके और 6 छक्के की मदद से 175 रन की पारी खेली और टीम का स्कोर 60 ओवर में लगा दिया 8 विकेट पर 266 रन।
इस पारी के बदौलत भारत ने जिम्बाब्वे को 235 रन पर ऑलआउट करते हुए 31 रन से मुकाबले को जीत लिया और फाइनल में अपनी जगह बना ली, जहां टीम को सामना करना था वेस्टइंडीज से। कपिल देव की इस पारी के बाद पहली बार हमें वैसी पारी मैक्सवेल के बल्ले से देखने को मिली। अब दोनों में से कौन सी पारी ज्यादा बेहतर है, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। किसी को मैक्सवेल की पारी ज्यादा अच्छी लगती है तो किसी को कपिल देव की।