श्रीलंका ने 21 भारतीय मछुआरों को किया रिहा
श्रीलंका नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए 21 भारतीय मछुआरों को वापस भेज दिया गया है
गिरफ्तार किए गए 21 भारतीय मछुआरों को वापस भेजा
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि श्रीलंका नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए 21 भारतीय मछुआरों को सफलतापूर्वक वापस भेज दिया गया है और वे अपने घर वापस जा रहे हैं। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को X पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, “21 भारतीय मछुआरों के एक समूह को श्रीलंका से सफलतापूर्वक वापस भेज दिया गया है।
वे वर्तमान में अपने घर वापस जा रहे हैं!” इससे पहले 8 दिसंबर को श्रीलंकाई नौसेना ने रामनाथपुरम के तट से आठ भारतीय मछुआरों को पकड़ा था और दो नावों को जब्त किया था। पकड़े गए मछुआरों की पहचान मंगदु भटराप्पन (55), रेड्डयुरानी, कन्नन (52), चिन्ना रेड्डयुरानी मुथुराज (55), अगस्तियार कुटम काली (50) और थंगाचिमद यासीन (46), जीसस, उचिपुली रामकृष्णन और वेलु के रूप में की गई। उन्हें कंगेसंतुरई नौसेना शिविर ले जाया गया।
पकड़े गए मछुआरे मंडपम से समुद्र में गए थे
मंडपम मछुआरा संघ के अनुसार, पकड़े गए मछुआरे मंडपम से समुद्र में गए थे। वे पाक खाड़ी समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे, तभी श्रीलंकाई नौसेना ने दावा किया कि मछुआरे सीमा पार कर गए हैं। 7 दिसंबर को रामनाथपुरम जिले के मंडपम उत्तरी तट से 324 नावों में सवार होकर समुद्र में गए मछुआरे पाक खाड़ी समुद्री क्षेत्र में डेल्फ़्ट द्वीप के पास मछली पकड़ रहे थे, तभी श्रीलंकाई नौसेना वहां पहुंची। उन्होंने दो नावों को भी जब्त कर लिया।
मछुआरों की गिरफ्तारी भारत के लिए चिंता का विषय
श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी तमिलनाडु सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय रही है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इस मामले को लेकर कई बार विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिखा है। सीएम स्टालिन ने पहले कहा था कि मछुआरों को हिरासत में लेना और उनकी नावों को जब्त करना तटीय समुदायों के बीच “गंभीर संकट और अनिश्चितता” का कारण बनता है।
जानिए CM स्टालिन ने क्या कहा ?
उन्होंने कहा, “हमारे मछुआरों को हिरासत में लिए जाने और उनकी नावों को जब्त किए जाने से तटीय समुदायों में गंभीर संकट और अनिश्चितता पैदा हो रही है। मैंने बार-बार दोहराया है कि इस जटिल मुद्दे को कूटनीतिक रूप से हल करने के लिए ठोस और सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए।” उनके एक पत्र का जवाब देते हुए जयशंकर ने उन्हें इस मुद्दे पर सक्रिय कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि कोलंबो में भारतीय उच्चायोग और जाफना में वाणिज्य दूतावास हिरासत में लिए गए लोगों की शीघ्र रिहाई के लिए ऐसे मामलों को तेजी से और लगातार उठा रहे हैं।
[एजेंसी]