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निर्यात के लिए स्थिर नीति जरुरी

इसके लिए उत्पादकों और निर्यातकों को अपने उत्पाद के लिए स्थिर नीति बनानी होगी और पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतनी होगी।

07:01 AM Jun 08, 2019 IST | Desk Team

इसके लिए उत्पादकों और निर्यातकों को अपने उत्पाद के लिए स्थिर नीति बनानी होगी और पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतनी होगी।

नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी एवं वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने पर बल देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके लिए स्थिर नीति, व्यापक पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ एक प्रारूप तैयार करना होगा। श्री गोयल ने यहां निर्यात पूंजी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलायी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना होगा। 
इसके लिए उत्पादकों और निर्यातकों को अपने उत्पाद के लिए स्थिर नीति बनानी होगी और पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतनी होगी। दिनभर चली इस बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सोम प्रकाश, वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सचिव अरुण कुमार पांडा, विदेश व्यापार के महानिदेशक आलोक वर्धन चतुर्वेदी और वित्त मंत्रालय तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में भारतीय निर्यातक महासंघ, रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद तथा अन्य निर्यातक परिषदों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्यात बढ़ने के लिए सरकारी संगठनों, निर्यात संवर्धन परिषदों और वित्त संस्थानों में भी व्यापक पारदर्शिता की आवश्यकता है। निर्यातकों को सस्ती पूंजी की बजाय पूंजी की उपलब्धता पर जोर देना होगा। निर्यात बढ़ने के लिए पूंजी की समय पर प्रभावी उपलब्धता महत्वपूर्ण है। श्री गोयल ने कहा कि निर्यातकों को समय से और प्रभावी पूंजी के लिए सस्ती पूंजी से परे हटना होगा। 
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में निर्यात पूंजी में कमी आयी है जो छोटे उद्योगों के लिए भारी चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि निर्यात नीतियाँ विश्वास, समपूर्णता और पारदर्शिता पर टिकी होनी चाहिए। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धी रहेंगे और टिक सकेंगे। बैठक में भाग ले रहे सभी पक्षधारकों से सुझाव देने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे अगले पांच वर्ष के लिए निर्यात बढ़ने में मदद मिलेगी और भारतीय निर्यात की समग, संभावनाओं का दोहन किया जा सकेगा। 
बैठक में निर्यातक संघों के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, बार्कलेज बैंक, सिटी इंडिया, बैंक ऑफ अमेरिका, एक्जिम बैंक, ईसीजीसी, इंडियन बैंक एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ, भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
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