वर्ल्ड कप हीरो युवराज सिंह की संघर्ष और सफलता की कहानी
क्रिकेट के मैदान पर युवराज सिंह का अद्वितीय सफर
जब भी हम भारतीय क्रिकेट में वाइट बॉल क्रिकेट में एक परफेक्ट नंबर 4 प्लेयर की बात करते हैं तो हमारे जहन में सबसे पहला नाम आता है एक सिक्सर किंग का, पंजाब में जन्में भारत के सबसे बड़े ऑलराउंडर में से एक अगर उस खिलाड़ी को एक योद्धा पुकारा जाए तो शायद किसी को अचरज नहीं होगा। जरा सोचिये आज कल की क्रिकेट में खिलाड़ी छोटी मोटी चोट के बावजूद टीम से ब्रेक ले लेते हैं लेकिन वो एक ऐसा खिलाड़ी थे जिन्होंने कैंसर होने के बावजूद भारत के लिए ना सिर्फ 2011 वर्ल्ड कप खेला बल्कि खून की उल्टियों के बावजूद भारत को 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड चैंपियन बनाया। शायद इन साड़ी बातों से आप समझ गए होंगे कि हम भारत के पूर्व सुपरस्टार खिलाड़ी युवराज सिंह की बात कर रहे हैं।
युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को हुआ था। आज युवराज 43 साल के हो गए हैं। युवराज सिंह ने कई ऐसे मुकाबले में भारतीय टीम को अकेले जीत दिला दी जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। भारतीय खिलाड़ियों में सबसे महान खिलाड़ी की लिस्ट बनाई जाए तो युवराज सिंह उस लिस्ट में जरूर शामिल रहेंगे। युवराज सिंह का जन्म पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में हुआ था। युवराज सिंह ने 19 साल की उम्र में ही टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर लिया था। उन्होंने 3 अक्टूबर 2000 को वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। उसके बाद 16 अक्टूबर 2003 में टेस्ट में डेब्यू किया। वहीं टी20 में 13 सिंतबर 2007 को डेब्यू किया था।
युवराज सिंह का अंतरराष्ट्रीय करियर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा, लेकिन 19 साल के अपने क्रिकेट करियर में उन्होंने एक दशक से भी ज्यादा समय तक टीम इंडिया के संकटमोचक बने रहे थे। वह टीम इंडिया के काफी तूफानी बल्लेबाज हुआ करते थे। उन्होंने ऐसे कई मैच भारत के कब्जे में किए हैं, जिसे जीतना काफी मुश्किल था। उन्होंने न सिर्फ बल्ले से बल्कि गेंद से भी कई कारनामे किए हैं। वह देश के चुनिंदा क्रिकेटरों में शामिल रहे, जिन्हें तीनों अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों (टेस्ट, वनडे और टी20) में खेलने का मौका मिला था।
युवराज सिंह के नाम वैसे तो कई रिकॉर्ड है, लेकिन आज भी इंटरनेशनल क्रिकेट रिकॉर्ड में युवराज सिंह के नाम महज़ 12 गेंदों में अर्धशतक पूरा करने का रिकॉर्ड दर्ज है। यह रिकॉर्ड आज भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में दर्ज है। युवी ने कुल 16 गेंदों में 58 रन बनाए इस दौरान उन्होंने 7 छक्के और 3 चौके मारे थे। युवी की पारी के दम पर ही भारत ने उस मैच में 218/4 रनों का स्कोर बनाया था। इस मैच में भारत ने इंग्लैंड को 18 रनों से हराया था। बाद में फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम किया था।
बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 402 मैच खेले जिसमें 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच शामिल हैं। उन्होंने टेस्ट मैच में 1900 रन बनाए, एक दिवसीय मैच में उन्होंने 8701 रन अपने नाम किए, जबकि टी20 में युवी के नाम 1177 रन है। युवराज सिंह ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 1,496 चौके-छक्के जड़े। युवी ने वनडे में 908 चौके और 155 छक्के मारे हैं। जबकि टी-20 में उनके बल्ले से 77 चौके और 74 छक्के आए हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में भी उन्होंने 260 चौके और 22 छक्के जड़े हैं।
2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने भारत के लिए 362 रन बनाए जबकि उनके नाम 15 विकेट भी थे। शायद आज की युवा जनरेशन युवराज के स्टारडम को ना जाने लेकिन नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 फाइनल, 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप के अलावा भी ऐसे कितने ही मैच थे जो युवराज ने अकेले ही जीता दिए थे। साल 2008 में इंग्लैंड की टीम जब भारत दौरे पर आई थी तो युवराज से पार पाना उस टीम के लिए असम्भव हो गया था लगातार तीन शतक ठोक उन्होंने इंग्लैंड की हालत खराब कर दी थी और वो भी कमर पर बेल्ट बांधकर। चेन्नई टेस्ट में ऐतिहासिक रन चेस में भी भले ही सचिन तेंदुलकर ने शतक लगाया सहवाग ने जीत की नींव रखी लेकिन युवराज ने भी एक अंडररेटेड 85 रन की नाबाद पारी खेली थी।
अगर आज हम यह कहते हैं कि धोनी की कप्तानी में भारत ने 2 वर्ल्ड कप जीते हैं तो उसमें अगर किसी खिलाड़ी का वाकई सबसे बड़ा रोल रहा है तो वो युवराज ही हैं चाहे आप उनके रिकार्ड्स ही क्यों ना देख लें। आप यह भी कह सकते हैं कि धोनी की टीम में वैसे तो कई मैच विनर्स थे लेकिन सबसे बड़ा मैच विनर अगर कोई था तो वो सिंह इस किंग युवराज ही थे। युवराज की उपलब्धियों की बात करें तो साल 2012 में अर्जुन अवार्ड दिया गया जबकि 2014 में उन्हें पद्मश्री के सम्मान से नवाजा गया। उनके बारे में जितना कहा जाए कम ही होगा देश के असली क्रिकेट फैन युवराज सिंह ने जो पिच पर भारत के लिए जो किया उसे कभी नहीं भूलेंगे।