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गौतमबुद्धनगर में आवारा कुत्तों का कहर, 5 महीने में सामने आए 74,550 बाइट केस

गौतमबुद्धनगर में आवारा कुत्तों का कहर

08:54 AM Jun 21, 2025 IST | IANS

गौतमबुद्धनगर में आवारा कुत्तों का कहर

गौतमबुद्ध नगर में पिछले 5 महीने में 74,550 लोग जानवरों के हमले का शिकार हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मामले आवारा कुत्तों के हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कुल मामलों का 93% हिस्सा कुत्तों के हमलों का है। इन चिंताजनक आंकड़ों के चलते हॉट स्पॉट चिन्हित कर विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में बीते 5 महीने में ही 75 हजार के आसपास जानवरों के हमले के शिकार हुए लोगों के मामले सामने आए हैं। आंकड़े चौंकाने वाले हैं क्योंकि जनवरी 2025 से लेकर मई 2025 के बीच यह सभी मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें एक तरफ स्ट्रीट डॉग के काटने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए तो दूसरी तरफ पालतू कुत्तों के भी काटने के मामले नंबर दो पर दर्ज किए गए हैं। मिले आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच जिले में कुल 74,550 लोगों को जानवरों ने अपना शिकार बनाया। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट से सामने आया है।

जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा हमले आवारा कुत्तों द्वारा किए गए हैं, जिनके कुल मामलों की संख्या 52,714 रही। वहीं पालतू कुत्तों के काटने के 16,474 मामले दर्ज किए गए। यानी कुल डॉग बाइट के मामले 69,188 तक पहुंच गए हैं, जो कि कुल बाइट मामलों का लगभग 93 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा, बंदरों द्वारा किए गए हमलों की संख्या 3,833 रही, जबकि बिल्लियों के काटने के 1,179 मामले दर्ज किए गए। अन्य जानवरों द्वारा काटे जाने के 350 केस भी रिपोर्ट हुए हैं।स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की लिस्ट पर अगर नजर डालें तो जनवरी में 13,559 केस, फरवरी में 15,830 केस, मार्च में 15,131 केस, अप्रैल में 15,286 केस, मई में 14,744 केस सामने आए हैं। इन मामलों में सीएटी-2 श्रेणी के बाइट्स सबसे ज्यादा हैं, जो 66,973 तक पहुंच गई है, जबकि सीएटी-3 के 7,577 केस रिपोर्ट हुए हैं। सीएटी-1 श्रेणी में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में हो रहे लगातार बदलाव, जैसे असमय बारिश, उमस और गर्मी, जानवरों के व्यवहार में आक्रोश और असहजता पैदा कर रहे हैं। यही वजह है कि वे अधिक हमलावर हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन चिंताजनक आंकड़ों के आधार पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और संबंधित शहरी स्थानीय निकायों के साथ मिलकर हॉट स्पॉट चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा सके।

इन हॉट स्पॉट्स में विशेष टीकाकरण अभियान, जनजागरूकता, पशु पकड़ने की मुहिम और आवश्यक चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी जानवर द्वारा काटे जाने की स्थिति में तुरंत प्राथमिक उपचार लेकर अस्पताल पहुंचे।

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