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राजस्थान और महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों पर सख्त कार्रवाई

नवी मुंबई में फर्जी दस्तावेजों के साथ 5 बांग्लादेशी धरे गए

01:51 AM May 06, 2025 IST | IANS

नवी मुंबई में फर्जी दस्तावेजों के साथ 5 बांग्लादेशी धरे गए

राजस्थान और महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है। अजमेर में 76 वर्षीय हुसैन सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि नवी मुंबई में पांच बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए। पुलिस अब इन मामलों की गहन जांच कर रही है।

अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है। राजस्थान के अजमेर में जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 76 वर्षीय हुसैन सरदार उर्फ हुसैन अली को गिरफ्तार किया है। नवी मुंबई के पनवेल क्षेत्र में पांच बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया है।राजस्थान पुलिस मुख्यालय, जयपुर के निर्देशानुसार चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत अजमेर में अब तक कुल 26 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की जा चुकी है। हालिया कार्रवाई में 76 वर्षीय हुसैन सरदार को दरगाह क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह सतखीरा जिले (बांग्लादेश) का निवासी है और भोमरा बॉर्डर पार कर अवैध रूप से भारत में घुसा था। वह सियालदह होते हुए दिल्ली और फिर अजमेर पहुंचा, जहां दरगाह क्षेत्र में खानाबदोश के रूप में रह रहा था।

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एसपी वंदिता राणा के निर्देशन और एडिशनल एसपी सिटी हिमांशु जांगिड़ की निगरानी में चल रहे इस अभियान में दरगाह सीओ लक्ष्मण राम के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जालियान कब्रिस्तान, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सघन तलाशी ली। हुसैन सरदार को गिरफ्तार कर आगे की पूछताछ की जा रही है।

इसी तरह, महाराष्ट्र में नवी मुंबई पुलिस ने करंजाडे इलाके में छापा मारकर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में सामने आया कि इन आरोपियों ने फर्जी तरीके से भारतीय नागरिकता से जुड़े दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और यहां तक कि भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिए थे। इनमें से तीन आरोपी वीजा अवधि समाप्त होने के बावजूद देश में रुके हुए थे, जबकि दो ने अवैध रूप से सीमा पार की थी। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इन लोगों को फर्जी दस्तावेज दिलाने में किन स्थानीय लोगों या एजेंसियों की भूमिका रही।

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