Murshidabad हिंसा मामले में तगड़ा एक्शन, 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर
13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर
मुर्शिदाबाद हिंसा में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 11अप्रैल को मुर्शिदाबाद में जमकर प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन के दूसरे दिन 12 अप्रैल को शमशेरगंज में भीड़ ने हरगोविंद दास और उनके पुत्र चंदन दास की जान ले ली थी।
मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान जान गंवाने वाले पिता-पुत्र की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा है कि दोनों को घर का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया और कुल्हाड़ी से हमला किया गया। पुलिस ने आगे बताया कि जब तक वो मर नहीं गए तब तक आरोपी वहीं खड़ा रहा। इस घटना में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है।
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हिंदुओं को बनाया निशाना
बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 11अप्रैल को मुर्शिदाबाद में जमकर प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन के दूसरे दिन 12 अप्रैल को शमशेरगंज में भीड़ ने हरगोविंद दास और उनके पुत्र चंदन दास की जान ले ली थी। इसके अलावा हिंसा में कई और लोगों की हत्या हुई और घायल भी हुए। लोगों को निशाना बनाकर उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया। सैकड़ों लोग मजबूरन अपने घरों को छोड़कर चले गए। पुलिस अधिकारी ने मामले को लेकर बताया कि हमने 55 दिन के अंदर जिला अस्पताल में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इस चार्जशीट में 13 लोगों का नाम दर्ज किया गया है।
300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
इस घटना को लेकर पुलिस ने मुर्शिदाबाद के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 60 से ज्यादा मुकदमें के संबंध में 300 से अधिक संदिग्ध उपद्रवियों को अरेस्ट किया था। पुलिस ने बताया कि 12 अप्रैल की हिंसा में मारे गए लोगों को आरोपी ने तक निगरानी करता रहा जब तक उनकी जान चली नहीं गई। कुल्हाड़ी से वार कर उनकी जान ली गई थी। हालांकि आरोप पत्र में नामित लोगों या उन पर लगाई गई धाराओं की जानकारी सामने नहीं आई है।
क्यों भड़की थी हिंसा?
केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया गया, उसके बाद कई राज्यों में इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए। ऐसे में बंगाल के कई शहरों में लोगों ने जमकर इस बिल का विरोध किया। इसी बीच मुर्शिदाबाद में लोगों ने प्रदर्शन शुरू किया, जो हिंसा का रूप ले लिया। हिंसा में कई लोग मारे गए, कितने के घर जला दिए गए। कई घायल भी हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल में अर्द्धसैनिक बलों की 16 कंपनियां भेजीं।
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