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तेलंगाना में लगे भूकंप के जोदार झटके, जानें क्यों आता है भूकंप?

Earthquake Hits Telangana : तेलंगाना में आज सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई है।

03:10 AM Dec 04, 2024 IST | Ranjan Kumar

Earthquake Hits Telangana : तेलंगाना में आज सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई है।

तेलंगाना में लगे भूकंप के जोदार झटके  जानें क्यों आता है भूकंप
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Earthquake in Telangana: तेलंगाना में आज सुबह 7:27 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी झटके महसूस किए गए। इससे घबरा कर लोग घर से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार तेलंगाना के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया है। हैदराबाद में भी झटके महसूस हुए। इसका केंद्र जमीन से 40 किलोमीटर गहराई में था। नवंबर में गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके लगे थे। 28 नवंबर 2024 को जम्मू-कश्मीर में 5.8 तीव्रता के झटके महसूस हुए थे, जिसका केंद्र अफगानिस्तान में 36.49 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 71.27 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। यह धरती की 165 किलोमीटर की गहराई पर था।

पृथ्वी के अंदर के प्लेट्स टूटने पर महसूस होता है भूकंप

वहीं, 15 नवंबर 2024 को गुजरात के मेहसाणा में 4.2 स्पीड वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बता दें, पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं। ये लगातार घूमते रहते हैं, जहां ये प्लेट्स अधिक टकराती हैं, वो जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। बहुत ज्यादा दबाव बनने पर प्लेट्स टूटने लगते हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब

भूकंप का केंद्र उसे कहते हैं, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस जगह भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती है, उसका प्रभाव कम होता जाता है। रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में झटका तेज होता है। मगर, यह इस पर निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति (सिस्मिक फ्रीक्वेंसी) ऊपर की ओर है या दायरे में। अगर, कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की तीव्रता मापने का तरीका जान लें

भूकंप की तीव्रता की जांच रिक्टर स्केल पर होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप को एक से नौ तक के आधार पर मापते हैं। इसे इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के नीचे से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इस तीव्रता से भूकंप के झटकों की गति का अंदाजा होता है।

रिक्टर स्केल और उसके मायने

0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से पता चलता है।

2 से 2.9 हल्का-सा कंपन।

3 से 3.9 जैसे ट्रक आपके पास से गुजरे, ऐसा महसूस होगा।

4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है।

5 से 5.9 फर्नीचर हिलता दिख सकता है।

6 से 6.9 इमारतों की नींव हिल सकती है। ऊपरी मंजिल क्षतिग्रस्त हो सकती है।

7 से 7.9 इमारतें गिरेंगी। जमीन के अंदर पाइप फटते हैं।

8 से 8.9 इमारतों समेत बड़े पुल गिरते हैं। सुनामी आने का खतरा।

9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही। कोई शख्स मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी।

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Ranjan Kumar

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