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अन्नाद्रमुक के नेतृत्व को लेकर संघर्ष तेज, पलानीस्वामी ने किया शाक्ति प्रर्दशन

अन्नाद्रमुक के संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी ने शुक्रवार को उत्तरी तमिलनाडु में व्यापक शक्ति प्रदर्शन किया।

10:37 PM Jun 17, 2022 IST | Desk Team

अन्नाद्रमुक के संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी ने शुक्रवार को उत्तरी तमिलनाडु में व्यापक शक्ति प्रदर्शन किया।

अन्नाद्रमुक के संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी ने शुक्रवार को उत्तरी तमिलनाडु में व्यापक शक्ति प्रदर्शन किया। इससे एक दिन पहले पार्टी के उनके साथी और संयोजक ओ. पन्नीरसेल्वम ने पार्टी में एकल नेतृत्व के पलानीस्वामी के खेमे के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था।
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दोनों नेता अपने खेमे की लगातार कर रहे हैं बैठक 
एक ओर जहां पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम दोनों के समर्थक पार्टी पदाधिकारियों के बीच अपने-अपने नेताओं के लिये समर्थन जुटाने को लेकर गुपचुप बैठकें करने में जुटे हैं, तो दूसरी ओर 23 जून को होने वाली पार्टी की आम परिषद की बैठक से पहले इस विवाद को सुलझाने के लिए भी बातचीत जारी है।
तिरुवन्नामलाई जिले में पलानीस्वामी का फूल बरसाकर स्वागत
तिरुवन्नामलाई जिले में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले पलानीस्वामी का उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। पार्टी की जिला इकाई और पलानीस्वामी के समर्थकों ने उनकी कार पर फूल बरसाए और उन्हें ‘भविष्य का महासचिव’ करार देते हुए उनका गुणगान किया।
पलानीस्वामी को पार्टी पोस्टर में दर्शाया गया हैं भविष्य का महासचिव 
पलानीस्वामी को ‘पार्टी महासचिव’ बताते हुए पोस्टर लगाए गए थे। इससे पहले पार्टी प्रमुख जे. जयललिता इस पद पर काबिज थीं, जिनका वर्ष 2016 में निधन हो गया था। बाद में दोहरे नेतृत्व वाली व्यवस्था कायम की गई जिसे अब पलानीस्वामी के समर्थक चुनौती दे रहे हैं।
पूर्व मंत्री एसएस मूर्ति ने की पलानीस्वामी की तारीफ 
तिरुवन्नामलाई के पोलूर में एक सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एस. एस कृष्णमूर्ति ने अन्नाद्रमुक के ‘एकल नेतृत्व’ की मांग को लेकर पलानीस्वामी की प्रशंसा की। कृष्णमूर्ति ने जब यह बात कही तब पलानीस्वामी मंच पर उनके साथ खड़े थे। हालांकि पलानीस्वामी ने इस मुद्दे का विशेष रूप से कोई जिक्र नहीं किया।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को ओ. पन्नीरसेल्वम ने स्पष्ट किया था कि वह एकल नेतृत्व के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं। पन्नीरसेल्वम ने कहा था कि उनकी और पलानीस्वामी की सहमति के बिना पार्टी की बैठक में कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता।
 
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