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छात्र प्रद्युम्न का केस नहीं लड़ेगा कोई भी वकील

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12:51 PM Sep 10, 2017 IST | Desk Team

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सोहना: सोहना बार एसोसिएशन की आपात बैठक शनिवार को उपमंडल न्यायिक परिसर में बने बार रूम में एसोसिएशन के प्रधान रजनीश अग्रवाल एडवोकेट की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सभी वकीलों ने हिस्सा लिया। एसोसिएशन के महासचिव सोमबीर तंवर बताया कि सोहना बार एसोसिएशन ने रेयान स्कूल में पढऩे वाले 7 वर्षीय प्रद्युम्न राघव के हत्यारे का केस ना लडऩे का फैसला सर्वसम्मति से लिया है। सोहना बार एसोसिएशन का कोई भी वकील आरोपी पक्ष की तरफ से केस नही लड़ेगा और ना ही अदालत में केस की पैरवी के लिए हाजिर होगा। मौजूद वकीलों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतक छात्र प्रधुमन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि हत्यारे ने इतना जघन्य अपराध किया है, जिसकी जितनी भत्र्सना की जाए, उतना कम है।

इस कृत्य से मानवता शर्मसार हुई है। इस मौके पर सोहना बार एसोसिएशन के प्रधान रजनीश अग्रवाल एडवोकेट, महासचिव सोमबीर तंवर, उपाध्यक्ष मनोज सैनी, वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार शर्मा एडवोकेट व देवदत्त शर्मा एडवोकेट ने कहा कि स्कूल प्रशासन को भी विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। इससे पहले भी इसी स्कूल के स्विमिंग पुल में एक बच्चे की मौत हुई थी। फिर भी स्कूल प्रशासन ने उस घटना से शायद सबक नही लिया। यदि स्कूल प्रशासन उस घटना से सबक लेता और स्कूल परिसर में सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम होते तो छात्र प्रधुमन को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता था। वक्ताओं ने स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस घटना से साबित हो गया है कि नामी-गिरामी और प्रतिष्ठित स्कूल में भी अब बच्चे सुरक्षित नही है। कानून को भी हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी राक्षस रूपी मनुष्य ऐसी वारदात को अंजाम देने से पहले 100 बार उसका सबक जान ले।

उन्होने बताया कि हत्यारे ने इतना जघन्य अपराध किया है कि जिसने सभी की अंतरात्माओं को झकझोर कर रख दिया है और आज अभिभावकों को यही चिंता खाए जा रही है कि जब ऐसे नामी-गिरामी स्कूलों में भी बच्चों की जान का सही से कोई रखवाला नही है तो वह बच्चों को कहां शिक्षा दिलाए। शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थी की हत्या होना विद्यार्थियों की आजादी और लोकतंत्र पर बड़ा धब्बा है। सरकार को ऐसे स्कूलों पर विशेष निगाह रखनी चाहिए, जो अपनी प्रतिष्ठा की आड़ में कभी दाखिले तो कभी डोनेशन तो कभी किसी ना किसी कार्यक्रम के नाम पर अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रहे है और शिक्षा देने के नाम पर उन्होने शिक्षा को व्यवसाय बना लिया है। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार शर्मा एडवोकेट व देवदत्त शर्मा एडवोकेट ने बताया कि सोहना बार एसोसिएशन के साथ-साथ जिला बार एसोसिएशन ने भी आपातकालीन बैठक बुलाकर सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है कि जिला बार एसोसिएशन का कोई भी वकील इस मामले में आरोपी पक्ष की पैरवी नही करेगा और ना ही कोई वकील आरोपी पक्ष का केस अदालत में लड़ेगा।

– उमेश गुप्ता

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