टॉप न्यूज़भारतविश्व
राज्य | दिल्ली NCRहरियाणाउत्तर प्रदेशबिहारछत्तीसगढ़राजस्थानझारखंडपंजाबजम्मू कश्मीरउत्तराखंडमध्य प्रदेश
बिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलसरकारी योजनाहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

उत्तर प्रदेश भवन के बाहर प्रदर्शन के लिए जुटे छात्र हिरासत में लिए गए

प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। हिरासत में लिए गए लोगों में 27 महिलाएं शामिल हैं।

11:48 AM Dec 23, 2019 IST | Desk Team

प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। हिरासत में लिए गए लोगों में 27 महिलाएं शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश भवन के बाहर कम से कम 46 छात्रों को सोमवार को प्रदर्शन से पहले हिरासत में ले लिया गया। ये सभी संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन के लिए यहां जुटे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। 
हिरासत में लिए गए लोगों में 27 महिलाएं शामिल हैं। 
छात्र जैसे ही निर्धारित स्थान पर पहुंचे उन्हें हिरासत में ले लिया गया और उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया। प्रारंभ में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आइसा) की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष कवंलप्रीत कौर के वहां पहुंचने पर उन्हें हिरासत में लिया गया। 
आइसा की सुचेता डे ने बताया कि उन्हें उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वह यूपी भवन से कुछ मीटर की दूरी पर थीं। कौर ने दावा किया कि हिरासत में लेने के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके साथ ‘मारपीट’ भी की। आइसा के वरिष्ठ छात्रों के पहुंचने के बाद कुछ छात्र उप्र भवन पहुंचे,उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया। पुलिस वाहन में छात्रों ने ‘दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। 
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्रों को मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया जबकि छात्राओं को विश्वविद्यालय ले जाया गया। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और छात्रों ने विरोध करने की अनुमति नहीं थी। 
पल्लवी रेब्बाप्रगदा नामक महिला ने आरोप लगाया कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ नहीं थी तब भी पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे आज पुलिस ने हिरासत में लिया। उन्होंने मुझे एक बस में फेंक दिया और फिर मुझे मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में हिरासत में ले लिया। मेरा विरोध से कोई लेना-देना नहीं था। मैं वहां आधिकारिक काम के लिए गई थी। ’’ 
Advertisement
Advertisement
Next Article