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K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण , पानी के अंदर से चीन - PAK को बनाया जा सकता है निशाना

भारत ने एटमी हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। परमाणु पनडुब्बी, अरिहंत पर तैनात किए जाने के लिए K-4 मिसाइल का टेस्ट आंध्रा प्रदेश के तट से सटे बंगाल की खाड़ी में किया गया।

09:06 PM Jan 19, 2020 IST | Shera Rajput

भारत ने एटमी हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। परमाणु पनडुब्बी, अरिहंत पर तैनात किए जाने के लिए K-4 मिसाइल का टेस्ट आंध्रा प्रदेश के तट से सटे बंगाल की खाड़ी में किया गया।

भारत ने एटमी हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। परमाणु पनडुब्बी, अरिहंत पर तैनात किए जाने के लिए K-4 मिसाइल का टेस्ट आंध्रा प्रदेश के तट से सटे बंगाल की खाड़ी में किया गया। करीब 3500 किलोमीटर रेंज की ये मिसाइल न्यूक्लिर-वॉरहेड (यानी परमाणु बम) ले जाने में सक्षम है।
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सरकारी सूत्रों ने मुताबिक , इस परीक्षण को दिन के वक्त समुद्र में अंडरवॉटर प्लेटफॉर्म से किया गया। इस घातक मिसाइल को डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ( DRDO ) ने विकसित किया है और इसे अरिहंत क्लास न्यूक्लियर सबमरीन पर तैनात किया जाना है। न्यूक्लियर सबमरीन पर इस मिसाइल की तैनाती से पहले भारत इसके अभी कई परीक्षण कर सकता है।
K-4 मिसाइल अग्नि-4 मिसाइल का सबमरीन वर्जन है। इस मिसाइल की लंबाई 12 मीटर है और यह अपने साथ 17 टन तक वजन ले जा सकती है। इस मिसाइल को दिन के समय समुद्र के अंदर से दागा जा सकता है।
DRDO द्वारा अभी इस मिसाइल के कई और परीक्षण किए जाएंगे। फिलहाल नौसेना के पास अभी एक ही ऑपरेशनल आईएनएस अरिहंत सबमरीन है। K-4 मिसाइल DRDO द्वारा विकसित की गई सिर्फ दूसरी सबमरीन मिसाइल है। के-4 के अलावा DRDO द्वारा जो दूसरी मिसाइल विकसित की गई है, वह 700 किलोमीटर तक मार करने वाली B0-5 मिसाइल है।
वही , बता दे कि K-4 मिसाइल टेस्ट के बाद भारत समंदर के नीचे से 3500 किलोमीटर रेंज की बैलेस्टिक मिसाइल लांच करने वाले चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। अभी तक ये उपलब्धि अमेरिका रूस और फ्रांस जैसे देशों की श्रेणी में शुमार हो गया है।
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