6 साल की बच्ची से बलात्कार की मिली ऐसी सजा, अब जीवन भर कोई नही डाल पाएगा महिलाओं पर गंदी नजर
भारत में हर दिन बलात्कार के मामले सामने आते हैं, लेकिन सटीक संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में हर दिन 86 बलात्कार के मामले आते हैं। वहीं भारत में रेप के मामलों में सजा देरी से मिलती है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 तक 3,58,749 रेप के मामले दर्ज हुए, लेकिन फांसी की सजा सिर्फ पांच अपराधियों को मिली. नए कानूनों में सख्त सजा का प्रावधान है, लेकिन अपराधियों में कानून का डर नहीं है. इस बीच डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार एक खबर मेडागास्कर से सामने आई है। यहां की एक अदालत ने एक व्यक्ति को रेप मामले में नपुंसक बनाने की सजा सुनाई है।
साल 2024 की घटना में सुनाई गई सजा
मेडागास्कर की एक अदालत ने एक व्यक्ति को 2024 में एक लड़की के साथ बलात्कार करने के जुर्म में सर्जिकल कैस्ट्रेशन की सजा सुनाई है। एक न्यायिक अधिकारी ने कहा कि हिंद महासागर के इस द्वीप पर यह इस तरह का पहला कदम है। अपील कोर्ट के अटॉर्नी जनरल डिडिएर रजाफिंद्रलाम्बो ने कहा कि यह घटना राजधानी एंटानानारिवो से 30 किलोमीटर पश्चिम में इमेरिंटसियाटोसिका में हुई, जहां आरोपी ने छह साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर उसे मारने की कोशिश की।
आजीवन कारवास और नपुंसक बनाने की सजा
मेडागास्कर के न्याय मंत्रालय द्वारा मीडिया के लिए जारी एक वीडियो में बताया गया कि अदालत ने इस मामले में आरोपी व्यक्ति को कठोर सजा और सर्जरी के जरिए बधियाकरण यानी नपुंसक सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा पीछले साल मेडागास्कर में 10 साल या उससे कम साल की लड़कियों के साथ रेप मामलों से निपटने के लिए 2024 के कानून के हिस्से के तौर पर हुई थी। सरकार का कहना है कि यह कानून इसलिए पेश किया गया है क्योंकि अदालत में ऐसे कई मामले दर्ज थे।
भारत में रेप की सजा क्या है?
भारत में, बलात्कार के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत कम से कम 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा हो सकती है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर पीड़िता की उम्र 12 साल से कम है, तो सज़ा मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक हो सकती है।
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