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सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने राजनीतिक गतिरोध के चलते पद से इस्तीफे की घोषणा की

सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने सैन्य तख्तापलट के बाद पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध और व्यापक लोकतंत्र समर्थक विरोध के बीच रविवार को अपने पद से इस्तीफे देने की घोषणा कर दी।

09:57 AM Jan 03, 2022 IST | Desk Team

सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने सैन्य तख्तापलट के बाद पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध और व्यापक लोकतंत्र समर्थक विरोध के बीच रविवार को अपने पद से इस्तीफे देने की घोषणा कर दी।

सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने सैन्य तख्तापलट के बाद पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध और व्यापक लोकतंत्र समर्थक विरोध के बीच रविवार को अपने पद से इस्तीफे देने की घोषणा कर दी।
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मंत्रिमंडल का गठन करने में नाकाम रहे
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अधिकारी हमदोक को सूडान की सत्ता हस्तांतरण सरकार में आमजन का एक चेहरा माना जाता था। अक्टूबर में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद एक समझौते के तहत उन्हें उनके पद पर दोबारा नियुक्त किया गया था। उस समय वह अपने मंत्रिमंडल का गठन करने में नाकाम रहे थे और अब उनके इस्तीफे ने सूडान को सुरक्षा एवं आर्थिक चुनौतियों के बीच राजनीतिक अनिश्चितता में डाल दिया है।
हमदोक ने रविवार को टेलीविजन के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए सत्ता हस्तांतरण की अवधि के लिए बने 2019 संवैधानिक दस्तावेज के अनुरूप लोकतंत्र बहाल करने के लिए ‘‘राष्ट्रीय घोषणापत्र’’ पर सहमत होने और ‘‘एक मसौदा तैयार करने’’ के वास्ते वार्ता का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि उनके पद छोड़ने से किसी अन्य व्यक्ति को राष्ट्र का नेतृत्व करने और देश में लोकतंत्र बहाल करने का मौका मिलेगा। हालांकि, उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा नहीं की।
देश को बड़ी विपत्ति से बचाने के लिए यथासंभव प्रयास किए
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक ताकतों के बीच बढ़ती खाई को पाटने और विवादों को निपटाने के उनके प्रयास विफल रहे। उन्होंने आगाह किया कि सैन्य तख्तापलट के बाद से जारी राजनीतिक गतिरोध एक बड़ा संकट बन सकता है और यह देश की पहले से ही संकटग्रस्ट अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने देश को एक बड़ी विपत्ति से बचाने के लिए यथासंभव प्रयास किए। अब, हमारा राष्ट्र एक खतरनाक मोड़ से गुजर रहा है और यदि इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, जो इसका अस्तित्व खतरे में आ सकता है।’’
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को पिछले महीने एक समझौते के तहत पद पर पुन: बहाल किया गया था। समझौते के तहत देश में हमदोक के नेतृत्व में सेना के निरीक्षण के अंतर्गत एक स्वतंत्र कैबिनेट का प्रस्ताव रखा गया था। बहरहाल, इस समझौते को लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों ने खारिज कर दिया था और बदलाव के साथ पूर्ण रूप से एक अलग सरकार की मांग की है।
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