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फिल्म 'पीकू' के लिए सुजीत सरकार ने दीपिका को दी थी ये ख़ास नसीहत, राइटर जूही चतुर्वेदी ने बताई ये बात

फिल्म ‘पीकू’ में हमें एक साथ कई बड़े स्टार्स देखने को मिले। ‘पीकू’ फिल्म एक ऐसे सफर पर बनी फिल्म है जिसके दौरान कई रिश्ते बनते है और बिगड़ते है। कुछ फिल्में तो यादगार होती ही है लेकिन उससे भी ज्यादा फिल्म के कुछ scene दर्शको पर ऐसी छाप छोड़ जाते है जिसे दर्शक सालो तक याद रखते है।

01:20 PM May 09, 2022 IST | Desk Team

फिल्म ‘पीकू’ में हमें एक साथ कई बड़े स्टार्स देखने को मिले। ‘पीकू’ फिल्म एक ऐसे सफर पर बनी फिल्म है जिसके दौरान कई रिश्ते बनते है और बिगड़ते है। कुछ फिल्में तो यादगार होती ही है लेकिन उससे भी ज्यादा फिल्म के कुछ scene दर्शको पर ऐसी छाप छोड़ जाते है जिसे दर्शक सालो तक याद रखते है।

फिल्म ‘पीकू’ में हमें एक साथ कई बड़े स्टार्स देखने को मिले। ‘पीकू’ फिल्म एक ऐसे सफर पर बनी फिल्म है जिसके दौरान कई रिश्ते बनते है और बिगड़ते है। कुछ फिल्में तो यादगार होती ही है लेकिन उससे भी ज्यादा फिल्म के कुछ scene दर्शको पर ऐसी छाप छोड़ जाते है जिसे दर्शक सालो तक याद रखते है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण और इर्र्फान खान अहम् रोल में नज़र आये थे। 
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पीकू के दिन याद करते हुए पीकू की स्क्रीन राइटर जूही चतुर्वेदी ने फिल्म से जुड़ा एक मज़ेदार किस्सा शेयर किया है। पीकू फिल्म को पुरे 7 साल पुरे हो गए है। इस मौके पर स्क्रीन राइटर जूही ने फिल्म के कुछ किस्से शेयर किये। फिल्म के एक scene के बारे में बात करते हुए रूही ने इर्र्फान खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म केमिस्ट्री को भी सराहा। फिल्म में एक scene है जिसमें पीकू यानी दीपिका पादुकोण और राणा यानी इरफ़ान खान साथ में कोलकाता देखने का फैसला करते है। scene थोड़ा लम्बा ज़रूर है लेकिन पीकू और राणा की केमिस्ट्री ने उस scene को भी ख़ास बना दिया था। 
scene का कुछ हिस्सा कार में दिखाया गया है लेकिन अधिकतर में पीकू और राणा की आपसी बातचीत और पेरेंट्स की ज़िम्मेदारियों पर बात करते दोनों नज़र आते है। अचानक बातो बातो में पीकू, राणा से मज़ाकिया और फलर्टिंग करते हुए पूछ लेती है की क्या वह उससे शादी करेंगे। पर यक़ीनन  राणा का जवाब बिलकुल परफेक्ट था बिना घबराये और झटपटाये। बिना पीकू को देर तक घूरे राणा हँसते हुए कहता है ‘माथा खराब नहीं है मेरा ‘ । 
फिल्म में दोनों ने ज़बरदस्त एक्टिंग की थी लेकिन उससे भी ज्यादा कमाल का काम किया था सुजीत सरकार और स्क्रीन राइटर जूह चतुर्वेदी ने। फिल्म एक सुपरहिट साबित हुई थी। पीकू फिल्म का हर सन रियल और जिवंत लगता है। बिना किसी ड्रामे और एक्शन के भी कोई फिल्म कितनी सुन्दर दिख सकती है ये हमें पीकू जैसी फिल्मे देख कर पता चलता है। 
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