सुखबीर बीर सिंह बादल द्वारा भाई राजोआना की बहन कमलदीप कौर से बंद कमरे में हुई मुलाकात
लुधियना में आज शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पटियाला की जेल की सलाखों के पीछे बंद सजायाफता भाई बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर से बंद कमरे में बैठक की।
06:01 PM Jan 03, 2020 IST | Shera Rajput
लुधियाना : लुधियना में आज शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पटियाला की जेल की सलाखों के पीछे बंद सजायाफता भाई बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर से बंद कमरे में बैठक की।
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इस अवसर उन्होंने भाई राजोआना की बहन को भाई राजोआना की फांसी की सजा माफ करने हेतु शिरोमणि अकाली दल द्वारा हर संभव उपाय करने का भरोसा दिया। इस अवसर पर विरसा सिंह वलटोहा, डॉ दलजीत सिंह चीमा, महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल, भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल और जत्थेदार हीरा सिंह गाबडिय़ा समेत चुनिंदा लोग उपस्थित थे।
स्मरण रहे कुछ दिन पहले एसजीपीसी अध्यक्ष भाई लोंगोवाल ने भी महरूम पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कत्ल के जुर्म में बंद और फांसी की सजा प्राप्त बलवंत सिंह राजोआना के केस की पैरवी सुप्रीम कोर्ट में करने की बात कही थी। 52 वर्षीय बलवंत सिंह राजोआना ने 11 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा कर रखी है। यह भूख हड़ताल देश के महामहिम राष्ट्रपति के पास पिछले 8 सालों से लंबित पड़ी अपील के कारण है। राजोआना पहले भी 2 बार जेल की सलाखों के पीछे भूख हड़ताल कर चुके है।
कमलदीप कौर ने कुछ दिन पहले मीडिया को बताया था कि उनके भाई संबंधित शिरोमणि कमेटी और अकाली दल कोई भी संजीदगी नहीं के चलते ऐसा करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि शिरेामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान स. किरपाल सिंह बंडूगर और मोजूदा प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल भाई राजोआना को 2 बार लिखित भरोसा देकर भूख हड़ताल बंद करवा चुके है लेकिन भूख हड़ताल समाप्त होने के बाद कोई भी उचित कदम नहीं उठाएं गए।
राजोआना की बहन ने यह भी कहा कि ना तो उन्हें कोई वरिष्ठ वकील मुहैया करवाया जा रहा है और ना ही उनकी कोई सुनवाई हो रही है। कमलजीत कौर ने यह भी कहा कि देश के गृह मंत्री के साथ उनकी मुलाकात नहीं करवाई जा रही और ना ही राष्ट्रपति उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं ले रहे।
भाई बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा उम्रकैद में ना बदले जाने से पूरा सिख जगत हैरान और परेशान है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने लुधियाना के सांसद और महरूम मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिटटू के संसद सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर स्पष्ट किया था कि मीडिया रिपोर्टो पर ना जाया जाएं और अभी राजोआना की फांसी की सजा उम्रकैद में नहीं बदली गई। जबकि गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाशा पर्व के अवसर पर 8 सिख कैदियों की रिहाई और भाई राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में तबदील किए जाने का फैसला हुआ था।
– सुनीलराय कामरेड
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