तिहाड़ जेल से 20 दिनों की पेरोल पर आएं आतंकी दया सिंह लाहौरिया को मिलने उनके घर पहुंचे सुखदेव सिंह ढींढसा
पिछले 25 सालों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आतंकी भाई दया सिंह लाहौरिया को 20 दिनों की पेरोल के दौरान मिली रिहाई के बाद उन्हें कस्बां भुराल में उनके रिहायशी स्थल पर मिलने आएं अकाली दल के वरिष्ठ आगु और राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने करीब 1 घंटा रूककर बंद कमरे में बातचीत की।
04:50 PM Feb 15, 2020 IST | Shera Rajput
लुधियाना-मालेरकोटला : पिछले 25 सालों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आतंकी भाई दया सिंह लाहौरिया को 20 दिनों की पेरोल के दौरान मिली रिहाई के बाद उन्हें कस्बां भुराल में उनके रिहायशी स्थल पर मिलने आएं अकाली दल के वरिष्ठ आगु और राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने करीब 1 घंटा रूककर बंद कमरे में बातचीत की।
इस आगमन के दौरान सुखदेव सिंह ढींढसा ने भाई लाहौरिया के पुत्र सुरिंद्र सिंह संधू की शादी के लिए परिवारिक सदस्यों को मुबारकबाद देते हुए नवब्याहता जोड़ी को आर्शीवाद दिया।
स्मरण रहे कि दया सिंह लाहौरिया को अमेरिका वासी अपने पुत्र की रिहाई के लिए 20 दिन की पेरोल 3 दशकों की अलग-अलग जेलों में सजा काटे जाने के दौरान पहली बार मिली है जबकि 2016 में सिर्फ चंद घंटों के लिए अपने बुजुर्ग मां के अंतिम संस्कार के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत दया सिंह लाहौरिया को मां के अंतिम दर्शनों के लिए तिहाड़ जेल से लाया गया था। उस दौरान लाहौरिया अपने घर में दाखिल नहीं हो सकें थे।
सुखदेव सिंह ढींढसा ने दया सिंह लाहौरिया और उसके परिवार का हालचाल पूछा और कहा कि भारतीय जेलों में काफी लंबे समय से सिख नौजवान संघर्ष के दौरान जेलों की सलाखों के पीछे बंद है और उन्हें इसका बड़ा दुख है क्योंकि वे सारी ही जिंदगी जेलों में बिता रहे है।
अलग-अलग सिख संगठनों ने भारतीय जेलों में नजरबंद सजायाफता सिख कैदी सजाएं पूरी कर दिए जाने के बावजूद बंद है। उनकी रिहाई के लिए कई संगठनों ने मोर्चे लगाकर प्रशंसनीय कदम था। लेकिन वह अब भारतीय जेलों में बंद सिखों की रिहाई के लिए केंद्रीय गृह विभाग को विशेष तोर पर मिलेंगे ताकि समस्त सिख नौजवान अपने-अपने घरों में वापिस आ सकें। इस दौरान ढींढसा के साथ हलका मालेरकोटला से अकाली दल की समूची सिख लीडरशिप मोजूद थी।
– सुनीलराय कामरेड
Advertisement
Advertisement