एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा के नाम पर शर्मनाक हरकत, ATMS मैनेजर ने गुप्त वीडियो बनाकर किया शोषण, कई पीड़ितों ने दी CM को शिकायत
Sultanpur News: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने हाईवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। शिकायतों में कहा गया है कि ATMS (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के एक मैनेजर आशुतोष विश्वास ने हाई-रेज़ॉल्यूशन कैमरों का गलत उपयोग करते हुए लोगों की निजी गतिविधियों का वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का नेटवर्क खड़ा कर लिया था। कैमरों का गलत इस्तेमाल, निगरानी नहीं बल्कि शिकार ढूँढने का आरोप
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक ATMS मैनेजर एक्सप्रेस-वे पर लगे CCTV कैमरों के जरिए वाहनों के अंदर हो रही निजी हरकतों को रिकॉर्ड करता था। फिर लोकेशन ट्रैक करके मौके पर पहुँच जाता और वही वीडियो दिखाकर पीड़ितों को धमकाता था कि अगर पैसे नहीं दिए तो वह वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाकर उनकी बदनामी कर देगा।
Sultanpur News: नवविवाहित जोड़े से वसूले 32 हजार, फिर वीडियो किया वायरल
आजमगढ़ निवासी एक युवक ने बताया कि 25 अक्टूबर को वह अपनी पत्नी के साथ लखनऊ जा रहा था। किमी 93 के पास कार थोड़ी देर के लिए रोकी गई। उसी दौरान, आरोप है कि मैनेजर ने कैमरे से फुटेज रिकॉर्ड किया और तुरंत मौके पर पहुँचकर जबरदस्ती कार का दरवाजा खुलवाया। युवक के अनुसार उसे वीडियो दिखाकर 32,000 रुपए देने पड़े, लेकिन इसके बाद भी वीडियो ऑनलाइन वायरल कर दिया गया। पीड़ित का कहना है कि यह “सरकारी पद का दुरुपयोग कर की गई ब्लैकमेलिंग” है, जिसने उसकी जिंदगी को बदनाम करने वाला रूप ले लिया।
Uttar Pradesh News: केवल एक-दो नहीं, कई लोगों ने की शिकायत
लगभग 5–6 अन्य लोगों ने भी इसी तरह की शिकायतें की हैं। सूत्रों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की कुछ महिलाओं ने भी आरोप लगाया है कि टोल प्लाज़ा के आसपास के गाँवों में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों के वीडियो भी अवैध रूप से रिकॉर्ड किए गए और ब्लैकमेल की कोशिश की गई। पीड़ितों ने अपने सबूत, तारीखें, और वीडियो संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुल्तानपुर के DM-SP और एक्सप्रेस-वे अधिकारियों को भेजी है।
सिस्टम पर उठे सवाल
यह घटना केवल एक कर्मचारी की हरकत नहीं मानी जा रही, बल्कि पूरे सुरक्षा सिस्टम की निगरानी और जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल है:
- कैमरों की मॉनिटरिंग पर कौन नज़र रखता है?
- संवेदनशील वीडियो तक किसकी पहुंच होती है?
- इतने लंबे समय तक ऐसी गतिविधियाँ कैसे चलती रहीं?
- ATMS के डेटा की सुरक्षा कितनी मजबूत है?
- ये प्रश्न यह दर्शाते हैं कि तकनीक का गलत उपयोग होने पर सुरक्षा व्यवस्था उल्टे खतरे का कारण भी बन सकती है।
सिस्टम में सुधार की जरूरत
जब सुरक्षा कैमरे ही लोगों की गोपनीयता भंग करने का साधन बन जाएँ, तो यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सामने आया यह मामला बताता है कि सुधार केवल हाईवे पर ही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली में आवश्यक है। ईमानदारी, पारदर्शिता और मजबूत निगरानी व्यवस्था के बिना किसी भी सुरक्षा सिस्टम का भरोसा तभी टूट जाता है, जब उसका इस्तेमाल लोगों के शोषण के लिए किया जाने लगे।
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