Sunita Williams की Space से सुरक्षित वापसी विज्ञान की जीत: Space रणनीतिकार Dr. PK Ghosh
अंतरिक्ष से सुरक्षित लौटे सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर नौ महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौट आए हैं। उनकी वापसी पर अंतरिक्ष रणनीतिकार डॉ. पीके घोष ने आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर कई सवालों का भी जवाब दिया।
Sunita Williams की धरती पर वापसी, विशेषज्ञों ने दी लंबी रिकवरी की सलाह
अंतरिक्ष रणनीतिकार डॉ. पीके घोष ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अंतरिक्ष से वापस आने वाली हर उड़ान एक बड़ी उपलब्धि है। मैं आपको बता सकता हूं कि इसके पीछे सैकड़ों-हजारों लोग काम करते हैं, जो सामने नहीं दिखते। सुनीता विलियम्स के मामले में यही कहूंगा कि वह 8-9 दिनों के लिए गई थीं और वहां 9 महीने तक रहीं। सब कुछ ठीक रहा और अब वे वापस आ गई हैं और मुझे लगता है कि यह इस बात का जश्न है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने इस अंतरिक्ष में आने वाली कई समस्याओं पर विजय प्राप्त कर ली है।
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के पृथ्वी पर लौटने पर क्या अनुभव हो सकता है? इस पर उन्होंने कहा, “अगर आप मेडिकल समस्याओं की बात कर रहे हैं, तो अंतरिक्ष शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करता है। वहां बेबी फूड (बच्चे का खाना) खाना पड़ता है, क्योंकि अंतरिक्ष में चल नहीं सकते। दिल पर असर पड़ता है, किडनी पर असर पड़ता है। पथरी की समस्या बढ़ जाती है। सबसे बड़ी दिक्कत रेडिएशन की है, जो आपके डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है। अंतरिक्ष में आपकी लंबाई बढ़ जाती है, लेकिन पृथ्वी पर वापस आने पर आप फिर छोटे हो जाते हैं।”
स्पेसएक्स के ड्रैगन को पृथ्वी पर लौटने में 17 घंटे का समय लगने के सवाल पर डॉ. पीके घोष ने कहा, “असली यात्रा सिर्फ 55 मिनट की होती है। तो फिर 17 घंटे क्यों लगते हैं? जब अंतरिक्ष यान अलग होता है, तब सारी जांच होती है। वे हर चीज चेक करते हैं और पृथ्वी स्टेशन से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही नीचे की यात्रा शुरू होती है। जैसा मैंने बताया कि असली यात्रा 55 मिनट की है, लेकिन सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में 17 घंटे लग जाते हैं।”
अंतरिक्ष रणनीतिकार डॉ. पीके घोष ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अंतरिक्ष से वापस आने वाली हर उड़ान एक बड़ी उपलब्धि है। मैं आपको बता सकता हूं कि इसके पीछे सैकड़ों-हजारों लोग काम करते हैं, जो सामने नहीं दिखते। सुनीता विलियम्स के मामले में यही कहूंगा कि वह 8-9 दिनों के लिए गई थीं और वहां 9 महीने तक रहीं। सब कुछ ठीक रहा और अब वे वापस आ गई हैं और मुझे लगता है कि यह इस बात का जश्न है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने इस अंतरिक्ष में आने वाली कई समस्याओं पर विजय प्राप्त कर ली है।
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के पृथ्वी पर लौटने पर क्या अनुभव हो सकता है? इस पर उन्होंने कहा, “अगर आप मेडिकल समस्याओं की बात कर रहे हैं, तो अंतरिक्ष शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करता है। वहां बेबी फूड (बच्चे का खाना) खाना पड़ता है, क्योंकि अंतरिक्ष में चल नहीं सकते। दिल पर असर पड़ता है, किडनी पर असर पड़ता है। पथरी की समस्या बढ़ जाती है। सबसे बड़ी दिक्कत रेडिएशन की है, जो आपके डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है। अंतरिक्ष में आपकी लंबाई बढ़ जाती है, लेकिन पृथ्वी पर वापस आने पर आप फिर छोटे हो जाते हैं।”
स्पेसएक्स के ड्रैगन को पृथ्वी पर लौटने में 17 घंटे का समय लगने के सवाल पर डॉ. पीके घोष ने कहा, “असली यात्रा सिर्फ 55 मिनट की होती है। तो फिर 17 घंटे क्यों लगते हैं? जब अंतरिक्ष यान अलग होता है, तब सारी जांच होती है। वे हर चीज चेक करते हैं और पृथ्वी स्टेशन से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही नीचे की यात्रा शुरू होती है। जैसा मैंने बताया कि असली यात्रा 55 मिनट की है, लेकिन सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में 17 घंटे लग जाते हैं।”