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सुपरकॉप पूर्व डीजीपी सैनी की अग्रिम जमानत पर फैसला सोमवार को

90 के दशक में जिस खाकी वर्दीधारी के नाम का कभी पंजाब में डंका बजता था, आज उसी पूर्व पुलिस अधिकारी को अपने बचाव के लिए छिपना पड़ रहा है। इसी क्रम में 29 साल पुराने अपहरण के मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा मोहाली कोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका पर आज फैसला सुरक्षित रखा है।

10:54 PM May 09, 2020 IST | Shera Rajput

90 के दशक में जिस खाकी वर्दीधारी के नाम का कभी पंजाब में डंका बजता था, आज उसी पूर्व पुलिस अधिकारी को अपने बचाव के लिए छिपना पड़ रहा है। इसी क्रम में 29 साल पुराने अपहरण के मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा मोहाली कोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका पर आज फैसला सुरक्षित रखा है।

सुपरकॉप पूर्व डीजीपी सैनी की अग्रिम जमानत पर फैसला सोमवार को
लुधियाना-एसएएस नगर : 90 के दशक में जिस खाकी वर्दीधारी के नाम का कभी पंजाब में डंका बजता था, आज उसी पूर्व पुलिस अधिकारी को अपने बचाव के लिए छिपना पड़ रहा है। इसी क्रम में 29 साल पुराने अपहरण के मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा मोहाली कोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका पर आज  फैसला सुरक्षित रखा है।  यह फैसला सोमवार 10 मई को सुनाया जाएंगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व डीजीपी सैनी एक आइएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण के मामले में नामजद हैैं।उनकी अग्रिम जमानत पर मोहाली  में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। 
 सैनी ने गिरफतारी के डर से गत दिवस अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। उनके खिलाफ दो दिन पहले गुमशुदगी के 29 साल पुराने एक मामले में मोहाली के मटौर थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। सैनी पर अपहरण, आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैैं। सैनी के अलावा छह अन्य पुलिस अधिकारियों सहित कुल आठ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इससे पहले पूर्व डीजीपी सैनी की तरफ से एडवोकेट एपीएस देयोल और एचएस धनौआ अदालत में पेश हुए, जिन्होंने सैशन जज की अदालत में अग्रिम जमानत दायर याचिका पर सुमेध सैनी की तरफ से बहस की। 
उल्लेखनीय है कि सैनी जब चंडीगढ़ में 1991 में एसएसपी थे तब उन पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में उनकी सुरक्षा में तैनात चार पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने मोहाली के बलवंत सिंह मुल्तानी को हिरासत में ले लिया था। बलवंत सिंह मुल्तानी के भाई पलविंदर सिंह मुल्तानी ने शिकायत में कहा था कि पुलिस ने उसके भाई को मोहाली स्थित आवास से 11 दिसंबर 1991 को हिरासत में लिया था। कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिया था।
शिकायत में कहा गया था कि चंडीगढ़ पुलिस ने लगभग दो दिन टॉर्चर करने के बाद 13 दिसंबर को एफआइआर दर्ज कर ली, जिसमें सुमेध सिंह सैनी पर हुए हमले में संलिप्तता के आरोप लगाए गए थे। चंडीगढ़ पुलिस की हिरासत में लगभग सात दिन तक टॉर्चर किए जाने के बाद बलवंत को गुरदासपुर स्थित कादियां थाने ले जाया गया, जहां से उसे फरार घोषित कर उसके खिलाफ एक और एफआइआर दर्ज कर ली गई। तब से आज तक उसका पता नहीं चला है और चंडीगढ़ व पंजाब पुलिस उसे फरार घोषित करवा चुकी है।
– सुनीलराय कामरेड
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