Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने सेंथिल बालाजी को मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया

09:16 PM Nov 20, 2023 IST | Deepak Kumar

सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी द्वारा चिकित्सा आधार पर जमानत की मांग को लेकर दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई सोमवार को 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी और बालाजी की नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

द्रमुक नेता की याचिका पर सुनवाई

न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ द्रमुक नेता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मंत्री की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया और दलील दी कि अगर इलाज नहीं किया गया तो उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।

बिना किसी पोर्टफोलियो के राज्य कैबिनेट में मंत्री

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जिसने 14 जून को बालाजी को गिरफ्तार किया था, ने 19 अक्टूबर को उच्च न्यायालय में दलील दी कि आरोपी को बिना किसी पोर्टफोलियो के राज्य कैबिनेट में मंत्री के रूप में बनाए रखना स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि वह अत्यधिक प्रभावशाली है। उच्च न्यायालय ने ईडी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते हिरासत से रिहा होने पर वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

दायर जमानत याचिका को गलत तरीके से खारिज

शीर्ष अदालत के समक्ष दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि हिरासत अवधि के दौरान बालाजी की जून में चेन्नई के कावेरी अस्पताल में एक बड़ी बाइ-पास सर्जरी हुई और अभी भी दवा चल रही है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने सीआरपीसी की धारा 439 के साथ पीएमएल (धन शोधन निवारण) अधिनियम की धारा 45(1) के तहत बालाजी द्वारा दायर जमानत याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया। केंद्रीय अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी से पहले, बालाजी तमिलनाडु सरकार में बिजली और उत्पाद शुल्क विभागों के प्रभारी थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि मंत्री और उनके सहयोगियों ने तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार में 2011 से 2016 तक परिवहन मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नौकरी चाहने वाले लोगों से पैसे लिए थे और उन्हें राज्य परिवहन विभाग में नौकरी देने का वादा किया था।

 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं

Advertisement
Advertisement
Next Article