W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

'क्या हम उनके लिए रेड कार्पेट बिछाएं?' घुसपैठियों-रोहिंग्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक

03:00 PM Dec 02, 2025 IST | Shivangi Shandilya
 क्या हम उनके लिए रेड कार्पेट बिछाएं   घुसपैठियों रोहिंग्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक
Supreme Court on Rohingya

Supreme Court on Rohingya: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को घुसपैठियों के मुद्दे पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि घुसपैठिए घुसेंगे और फिर अधिकार मांगेंगे। क्या घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाएं? मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ एक हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मई महीने में दिल्ली पुलिस ने कुछ रोहिंग्या व्यक्तियों को हिरासत में लिया, जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल रहा। साथ ही याचिका में मांग की गई कि यदि उनको उनके देश लौटाना हो, तो यह प्रक्रिया कानून के अनुसार ही होनी चाहिए।

Advertisement

Rohingya In India: कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ?

Supreme Court on Rohingya
Supreme Court on Rohingya

याचिकाकर्ता : केंद्र सरकार इन रोहिंग्या के हिरासत और निष्कासन से जुड़ी जानकारी साझा करे। केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया।

Advertisement

मुख्य न्यायाधीश:  उत्तर भारत की तरफ हमारी बहुत संवेदनशील सीमा है, और उम्मीद है कि आप सभी जानते हैं कि देश के अंदर क्या स्थिति चल रही है।

Advertisement

उन्होंने कहा, "आप चाहते हैं कि उनके लिए लाल कारपेट बिछा दिया जाए? वे सुरंग के रास्ते प्रवेश करें और फिर भोजन, आश्रय, बच्चों की शिक्षा जैसे अधिकार मांगें?"

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि क्या हम कानून को इस तरह खींचना चाहते हैं? क्या हमारे गरीब बच्चे इन सुविधाओं के हकदार नहीं हैं? ऐसे मामलों में हैबियस कॉर्पस की मांग करना बहुत कल्पनात्मक है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि 16 दिसंबर को दोबारा सुनवाई के लिए आएं। इसके साथ ही कोर्ट ने नोटिस भी जारी करने से भी इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या को शरणार्थी कहे जाने पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या घुसपैठियों को शरणार्थी का दर्जा दिया जा सकता है? उन्होंने पूछा, "क्या कोई अगर घुसपैठ करके देश में आता है तो उसे भारत में रहने का अधिकार दिया जा सकता है?"

याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि वे न तो रोहिंग्याओं के लिए विशेष अधिकार मांग रही हैं और न ही किसी को वापस बुलाने की मांग है। याचिका का एकमात्र उद्देश्य है कि सरकार अपने ही बनाए निर्वासन प्रक्रिया का पालन करे।

उनका कहना था कि अदालत पहले ही सलीमुल्लाह मामले (2020) में कह चुकी है कि रोहिंग्याओं को सिर्फ वहीं वापस भेजा जा सकता है, जब प्रक्रिया कानून के अनुसार हो।

Supreme Court on Rohingya: भारत में रोहिंग्या पर बहस जारी

Supreme Court on Rohingya
Supreme Court on Rohingya

बता दें कि इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी से जुड़े एक अन्य मामले में कहा था कि भारत दुनिया की धर्मशाला नहीं बन सकता, जहां हर तरफ से शरणार्थियों को स्वीकार किया जाए। इसके अलावा, मई में अदालत ने एक और याचिका में यह टिप्पणी भी की थी कि रोहिंग्याओं को समुद्र में फेंकने की कहानी एक सुलेख कथा जैसी लगती है।

Supreme Court on Rohingya
Supreme Court on Rohingya

यह भी पढ़ें: कौन है इंदरप्रीत सिंह और लॉरेंस गैंग ने क्यों ली पैरी की मौत की जिम्मेदारी? गोल्डी बराड़ से सीधा कनेक्शन!

Advertisement
Author Image

Shivangi Shandilya

View all posts

शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

Advertisement
Advertisement
×