'3.66 लाख हटाए गए वोटों की...', बिहार में SIR की अंतिम लिस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
Supreme Court on SIR Final List: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार में SIR की अंतिम सूची मामले पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची से जिन 3.66 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनकी पूरी जानकारी कोर्ट को सौंपी जाए।
Supreme Court on SIR Final List: चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि सूची से कुछ नाम हटाए गए हैं, लेकिन उससे कहीं ज्यादा नए मतदाताओं के नाम जोड़े भी गए हैं। आयोग के अनुसार, जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनमें से किसी ने अब तक कोई शिकायत या अपील दर्ज नहीं की है।न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह 9 अक्टूबर तक यह जानकारी कोर्ट को सौंपे, क्योंकि इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।

Bihar SIR Final List: सूचियों की तुलना कर जानकारी दें
कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी के पास मसौदा सूची (Draft List) और 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम सूची मौजूद है, इसलिए दोनों सूचियों की तुलना करके यह पता लगाना आसान है कि किन लोगों के नाम हटाए गए और किनके जोड़े गए।

पारदर्शिता ज़रूरी: जस्टिस बागची
न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि मतदाता सूची में पारदर्शिता बेहद जरूरी है, ताकि लोगों में भ्रम की स्थिति न हो। उन्होंने कहा कि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या में इज़ाफा हुआ है, लेकिन यह स्पष्ट होना चाहिए कि जोड़े गए नाम पहले हटाए गए पुराने मतदाताओं के हैं या नए लोग हैं।
65 Lakh Names Deleted: 65 लाख नाम हटाने का मामला
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि मसौदा सूची में करीब 65 लाख नाम हटाए गए थे। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति मृतक है या दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो गया है, तो उसका नाम हटाया जाना समझदारी है। लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसा करते समय नियम 21 और एसओपी (Standard Operating Procedure) का सही तरीके से पालन हुआ हो।

Election Commission Clarification: आयोग की सफाई
वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी, जो चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए, उन्होंने बताया कि हटाए गए नामों की सूची आयोग के दफ्तरों में सार्वजनिक की गई है और पूरी प्रक्रिया नियमों के अनुसार की गई है।उन्होंने कहा कि अब तक जिनके नाम हटाए गए हैं, उनमें से किसी ने भी आयोग के पास कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। जो नाम जोड़े गए हैं, उनमें से अधिकांश नए मतदाता हैं, हालांकि कुछ पुराने नाम भी वापस जोड़े गए हैं।
यह भी पढ़ें: PM मोदी के हनुमान चुनाव में करेंगे खेला! 25 सीट पर नहीं माने चिराग, बोले- PK का खुला है दरवाजा