वक्फ अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, सरकार को जवाब के लिए दिए 7 दिन
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप: केंद्र को 7 दिन का अल्टीमेटम
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में सरकार को निर्देश दिया है कि वक्फ बोर्ड और संबंधित परिषदों में नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर चल रही संवैधानिक वैधता की चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए सरकार को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक वक्फ बोर्ड और अन्य संबंधित परिषदों में किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। इस आदेश के तहत सरकार को स्पष्ट कर दिया गया है कि कानून लागू होने के बावजूद, किसी भी स्तर पर नई नियुक्तियां नहीं होंगी जब तक कि अदालत की अंतिम राय सामने न आ जाए।
#WATCH | Delhi | On SC hearing on Waqf Amendment Act, Advocate Barun Kumar Sinha says, “The Supreme Court didn’t put a stay. The Solicitor General of India said that no appointment will be made either in the council or in the board under the new amendment act. The Supreme Court… pic.twitter.com/lRpBPgojgz
— ANI (@ANI) April 17, 2025
सरकार को एक सप्ताह का समय, स्थिति यथावत रखने का आश्वासन
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट से एक सप्ताह का समय मांगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कुछ दस्तावेजों के साथ एक प्रारंभिक जवाब दाखिल करना चाहती है। इसपर अदालत ने सरकार को सात दिनों का समय देते हुए कहा कि जवाब दिए जाने के पांच दिनों के भीतर याचिकाकर्ता भी अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया कि वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, न ही अधिसूचना द्वारा घोषित यूजर्स के अधिकारों में हस्तक्षेप होगा।
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विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध जारी
इस अधिनियम के खिलाफ अब तक 73 से अधिक याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। विपक्षी दलों, मुस्लिम संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे ‘मुस्लिम विरोधी’ बताते हुए रद्द करने की मांग की है। उनका तर्क है कि यह कानून समुदाय की धार्मिक संपत्तियों के प्रशासन में बाहरी हस्तक्षेप का रास्ता खोलता है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के आने वाले चरणों में यह साफ होगा कि अदालत इस विवादित अधिनियम पर क्या अंतिम निर्णय देती है।
मुख्य न्यायाधीश ने उठाए गंभीर सवाल
सुनवाई के पहले दिन, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कई संवेदनशील मुद्दों पर सवाल उठाए। उन्होंने खासकर उन प्रावधानों पर ध्यान केंद्रित किया जिनमें वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने की प्रक्रिया और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति की बात की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कानून न केवल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन करता है, बल्कि संविधान की धर्मनिरपेक्षता की भावना के भी खिलाफ है।