सुप्रीम कोर्ट का बयान: नौकरी के लिए नकदी घोटाले में सैकड़ों गवाहों से होगी पूछताछ
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक पार्थ चटर्जी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और सैकड़ों गवाहों से पूछताछ की जानी है।
नौकरी के लिए नकदी घोटाले पर SC
जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है, जिसमें समय लगेगा और सैकड़ों गवाहों से पूछताछ की जरूरत है। चटर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल करीब 2.5 साल से जेल में है, मामले में 183 गवाह हैं और मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है। उन्होंने उनकी उम्र का भी हवाला दिया और कहा कि उनकी उम्र 73 साल है।
सैकड़ों गवाहों से होगी पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मामले में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। उन्होंने कहा कि भारी मात्रा में नकदी जब्त की गई है।
जांच की स्थिति जानने की मांग की
सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात को ध्यान में रखा कि आरोप गंभीर हैं और जांच की स्थिति जानने की मांग की। एएसजी राजू ने कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। शीर्ष न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में दोषसिद्धि की कम दर पर भी गौर किया। शीर्ष न्यायालय को यह भी बताया गया कि चटर्जी सीबीआई द्वारा जांचे जा रहे एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई 2 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी और चटर्जी द्वारा बिताई गई न्यायिक हिरासत और पुलिस हिरासत की अवधि जानने की मांग की। शीर्ष न्यायालय ने एएसजी राजू से इस बारे में निर्देश लेने को कहा कि क्या चटर्जी को सीबीआई द्वारा दूसरी बार गिरफ्तार किया गया था। शीर्ष न्यायालय नौकरी के लिए नकदी भर्ती अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
(Input From ANI)