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पंजाब : पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिद्धू समर्थक सुरजीत सिंह धीमान कांग्रेस से निष्कासित

सुरजीत सिंह धीमान ने 2002 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी और उसके बाद दो बार विधानसभा के चुनाव जीते। 2007 में संगरूर जिले के दिर्बा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े।

03:31 PM Apr 11, 2022 IST | Desk Team

सुरजीत सिंह धीमान ने 2002 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी और उसके बाद दो बार विधानसभा के चुनाव जीते। 2007 में संगरूर जिले के दिर्बा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े।

पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान को निष्कासित कर दिया। धीमान मालवा क्षेत्र के प्रमुख नेता और नवजोत सिंह सिद्धू के बड़े समर्थक हैं। पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी की इस कार्रवाई का पत्र जारी कर जानकारी दी।
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आदेश के अनुसार, “पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है।” दरअसल पूर्व विधायक धीमान ने सिद्धू के समर्थन में हाईकमान के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। 

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धीमान ने पंजाब प्रदेश अध्यक्ष पद पर अमरिंदर सिंह बराड़ (राजा वड़िंग) की घोषणा के बाद बयान दिया था कि राजा वड़िंग वही इंसान है, जिनका नाम ड्रग मामले व पैसों के लेनदेन में आने के बाद बादल परिवार के सामने झुक गए थे। वह मौकापरस्त और भ्रष्टाचारी हैं। धीमान के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 
माना जा रहा है कि यह कार्रवाई सीधे राजा वड़िंग ने की है। हैरानी की बात यह है कि निष्कासन से पहले धीमान को पार्टी की ओर से कोई नोटिस तक नहीं दिया गया। सुरजीत सिंह धीमान ने 2002 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी और उसके बाद दो बार विधानसभा के चुनाव जीते। 2007 में संगरूर जिले के दिर्बा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। 
परिसीमन प्रक्रिया में जब दिर्बा को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया, तो धीमान को 2012 में संगरूर जिले के अमरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भी मैदान में उतारा गया, लेकिन वह उस समय अकाली दल के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से अमरगढ़ से चुनाव लड़कर धीमान ने जीत हासिल की थी।
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