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POK में सेना के ऑपरेशन को लेकर बिहार के कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर सुशील कुमार मोदी ने निंदा की

सुशील ने ट्वीट कर कहा ”बिहार के कांग्रेसी तो सेना के शौर्य का अभिनंदन करने के बजाय इसे चुनाव से जोड़ने के स्तर तक गिर गए। महागठबंधन के लोगों ने साबित किया कि उनके लिए आतंकवाद कोई मुद्दा नहीं है।

05:30 PM Oct 21, 2019 IST | Desk Team

सुशील ने ट्वीट कर कहा ”बिहार के कांग्रेसी तो सेना के शौर्य का अभिनंदन करने के बजाय इसे चुनाव से जोड़ने के स्तर तक गिर गए। महागठबंधन के लोगों ने साबित किया कि उनके लिए आतंकवाद कोई मुद्दा नहीं है।

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पीओके में भारतीय सेना के आपरेशन पर प्रदेश के कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि वह सेना के शौर्य का अभिनंदन करने के बजाय इसे चुनाव से जोड़ने के स्तर तक गिर गए हैं। 
रविवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान पीओके में भारतीय सेना के आपरेशन के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा था, ”हमें इसकी जानकारी नहीं है पर आम लोग जानकारी दे रहे हैं तो अच्छी बात है । पर इसका उदेश्य क्या है?’’ उन्होंने साथ ही यह सवाल किया कि इसका उद्देश्य कहीं हरियाणा एवं महाराष्ट्र का चुनाव तो नहीं। 
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार अखिलेश ने कहा कि जब भी किसी बड़े राज्य में चुनाव होता है मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक का पैटर्न बना दिया है। भाजपा असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति कर रही है। 
अखिलेश की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए सुशील ने ट्वीट कर कहा ”बिहार के कांग्रेसी तो सेना के शौर्य का अभिनंदन करने के बजाय इसे चुनाव से जोड़ने के स्तर तक गिर गए। महागठबंधन के लोगों ने साबित किया कि उनके लिए आतंकवाद कोई मुद्दा नहीं है। हमारे लिए चुनाव नहीं, देश पहले है’। 
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कांग्रेस की वजह से जम्मू-कश्मीर धारा 370 की बेड़ियों में 70 साल तक जकड़ा रहा, उस पार्टी ने एक विवादास्पद धारा को बेअसर करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत फैसले का विरोध कर पाकिस्तान की मदद की, अपने शासनकाल मे आतंकवाद के विरुद्ध कभी कठोर कदम नहीं उठाया, बल्कि राजग सरकार के समय हुई हर सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर सेना का अपमान किया। 
सुशील ने आरोप लगाया कि 20 अक्टूबर को सेना ने फिर जब बड़ी कार्रवाई कर पीओके में आतंकियों के चार कैम्प ध्वस्त किये, तब भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने चुप्पी साध ली। 
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