सुशील मोदी ने कहा - जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई नियंत्रित रही
सुशील मोदी ने कहा कि छोटे करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। पहले जहां 20 लाख से कम टर्नओवर वालों को निबंधन कराने की जरूरत नहीं थी, वहीं अब 40 लाख टर्नओवर वाले निबंधन से मुक्त हैं।
01:30 PM Jul 01, 2019 IST | Desk Team
देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के दो वर्ष पूरा होने के मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां सोमवार को कहा कि जीएसटी लागू करने वाले दुनिया के अधिकांश देशों में जहां महंगाई बढ़ी, वहीं सरकारें भी चुनाव हार गईं, जबकि भारत में महंगाई नियंत्रण में रही, अधिकांश चीजों पर टैक्स (कर) की दर में कमी आई और जीएसटी लागू करने वाली सरकार दोबारा प्रचंड बहुमत से जीत कर सत्ता में वापस आई।
Advertisement
‘जीएसटी दिवस’ के मौके पर यहां आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा, “बिहार में वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी के अंतर्गत 3,95,889 करदाता निबंधित हैं, जिनमें 85 प्रतिशत राजस्व मात्र 14,625 करदातओं से प्राप्त हुआ जबकि 94,457 कम्पोजिशन डीलर से मात्र 58़29 करोड़ (0़ 37 फीसदी) राजस्व प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा कि सर्वाधिक कर संग्रह सीमेंट की बिक्री से 1323़ 43 करोड़ रुपये, आयरन व स्टील से 795़ 60 करोड़ रुपये, दवा से 519़ 82 करोड़ रुपये व टेलीफोन-मोबाइल की बिक्री से 382़ 65 करोड़ रुपये हुआ है।
मोदी ने कहा कि छोटे करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। पहले जहां 20 लाख से कम टर्नओवर वालों को निबंधन कराने की जरूरत नहीं थी, वहीं अब 40 लाख टर्नओवर वाले निबंधन से मुक्त हैं। कम्पोजिशन स्कीम की सीमा अब एक करोड़ की जगह 1़ 5 करोड़ सालाना टर्नओवर कर दिया गया है, वहीं सेवा प्रदाता के लिए पहली बार कम्पोजिशन स्कीम शुरू की गई है, जहां 50 लाख रुपये टर्नओवर वालों को मात्र छह प्रतिशत कर भुगतान करना होगा।
बिहार के वित्तमंत्री ने कहा कि पांच करोड़ तक के टर्नओवर वाले करदाताओं को त्रैमासिक विवरणी और मासिक कर भुगतान, पांच करोड़ से अधिक वालों को मासिक विवरणी और मासिक कर भुगतान करना होगा, जबकि कम्पोजिशन स्कीम वालों को वर्ष में एक बार ही विवरणी दाखिल करना है, जिनका किसी माह में शून्य व्यापार है तो केवल एसएमएस के जरिए अपनी विवरणी दाखिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के तीसरे वर्ष में नई सरल विवरणी एक अक्टूबर से अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। मोदी ने कहा, “करवंचना रोकने के लिए ई-इन्वॉयसिंग के अलावा मालवाहक वाहनों पर ई-वे बिल के साथ आरएफआईडी टैग लगाना अनिवार्य किया जाएगा। समय पर विवरणी जमा नहीं करने वालों को एसएमएस से सूचना दी जाएगी। पूरे देश में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 48,555 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई, जिनमें बिहार के हाजीपुर में पकड़े गए 214 करोड़ रुपये के करवंचना का मामला भी शामिल है।
Advertisement