सुवेंदु अधिकारी ने ममता पर साधा निशाना , कहा - तृणमूल कांग्रेस अवसरवादियों का दल
भाजपा में हाल ही में शामिल हुए पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से राज्य की ‘‘भ्रष्ट’’ तृणमूल कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि अतीत में सत्तारूढ़ दल के ‘अवसरवादी’ सदस्यों ने खुद का अस्तित्व बचाने के लिए भाजपा और कांग्रेस से मदद ली और बाद में उन्हें धोखा दिया।
12:17 AM Dec 23, 2020 IST | Shera Rajput
भाजपा में हाल ही में शामिल हुए पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से राज्य की ‘‘भ्रष्ट’’ तृणमूल कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि अतीत में सत्तारूढ़ दल के ‘अवसरवादी’ सदस्यों ने खुद का अस्तित्व बचाने के लिए भाजपा और कांग्रेस से मदद ली और बाद में उन्हें धोखा दिया।
उनके इस बयान को तवज्जो नहीं देते हुए तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्य के पूर्व मंत्री शायद यह भूल गये हैं कि अभी हाल तक वह ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी के सदस्य थे।
पिछले शनिवार को भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्वी बर्दवान में मंगलवार को यहां अपनी पहली जनसभा में अधिकारी (50) ने तृणमूल कांग्रेस को ‘‘निजी कंपनी’ करार दिया और कहा कि वह (टीएमसी) लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं करती।
उन्होंने कहा कि 1998 में अस्तित्व में आने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने यदि भाजपा की मदद नहीं ली होती तो वह 2001 के बाद वह टिक भी नहीं पाती।
पूर्व तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘ यदि अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे भाजपा के दिग्गज नेता 1998 के उपरांत एक के बाद लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की मदद के लिए आगे नहीं आते तो वह 2001 के बाद अस्तित्व नहीं बचा पाती ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2004 में तृणमूल कांग्रेस ने राजग के घटक के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और मैंने एक हाथ में तृणमूल का और दूसरे हाथ में भाजपा का झंडा पकड़ा था। ’’
अधिकारी ने कहा कि इसी तरह 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल प्रमुख (ममता बनर्जी) ने वाम दलों को हराने के लिए कांग्रेस की मदद ली थी और वह भूल गयी थीं कि अपना संगठन बनाने के लिए उन्होंने उसी कांग्रेस को छोड़ा ।
उन्होंने कहा कि नंदीग्राम आंदोलन के दौरान भाजपा ने ही तृणमूल का साथ दिया था और ‘‘14 मार्च, 2007 को सामूहिक नरसंहार के बाद राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज का भाजपा प्रतिनिधिमंडल इस क्षेत्र में आया था। भाजपा ने गोलीबारी के विरोध में 60 दिनों तक संसदीय कार्यवाही स्थगित कर दी थी।’’
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने 2011 में परिवर्तन के लिए मतदान किया था, लेकिन वास्तव में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न में वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा कि मेरी आलोचना करने वाले क्या वास्तव में यह कह सकते हैं कि टीएमसी अपने सदस्यों का सम्मान करती है? यह एक निजी कंपनी है जिसकी लोकतंत्र में आस्था नहीं है।
Advertisement
Advertisement

Join Channel