Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

पंजाब में स्वाइन फ्लू का कहर, अब तक 14 लोगों की हुई मौत

NULL

02:01 PM Sep 01, 2017 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना  : स्वाइन फ्लू ने पिछले 8 महीने के दौरान लुधियाना जिले के 14 कीमती जीवन लील लिए है। सभी 14 व्यक्ति लुधियाना जिले से संबंधित थे लेकिन इनकी मौत पंजाब के अलग-अलग शहरों में हुई। सरकारी आंकडे बताते हैं कि जनवरी 2017 से लेकर अब तक 108 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। जिनमें से 44 मामले पॉजिटिव पाए गए और इन्ही 44 मरीजों में से अब तक 14 मरीजों की मौत हो चुकी हैं: सेहत विभाग का कहना है कि जैसे ही किसी व्यक्ति को इस बिमारी से संबंधित लक्षण दिखाई दें तो वो तुरंत इस संबंधी डॉक्टर से मिलें।

डॉ हरदीप सिंह घई सिविल सर्जन, लुधियाना के अनुसार लुधियाना जिले में पिछले आठ महीनों में लगभग 108 संदिग्ध मरीजों का स्वाइन फलू टेस्ट हो चूका है जिनमें से 44 मरीज स्वाइन फ्फलू के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। जिनमें से अभी भी 5 से 6 मरीजों का इलाज लुधियाना के सीएमसी, डीएमसी व अपोलो जैसे निजी अस्पतालों में चल रहा है। हालाँकि सरकारी अस्पताल में इस वक्त स्वाइन फ्फलू का एक भी मरीज दाखिल नहीं है।

बताया जा रहा है कि इस बार स्वाइन फलू पीडि़त मरीजों के केस उन महीनों में सामने आ रहें हैं जिसका अंदाजा सेहत विभाग को नहीं था। हालाँकि सेहत विभाग का कहना है कि स्वाइन फलू का यह वायरस या यह बीमारी कब, किस मौसम में और किसे कहाँ हो जाए इसके बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता।

हालाँकि उनके द्वारा लुधियाना जिले के लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने व इसे फैलने से रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान लगातार चलाए जा रहें हैं। सिविल सर्जन का कहना है कि इस बिमारी का किसी भी स्लम या फिर पॉश इलाके से कोई भी लेना देना है। यह बीमारी ज्यादातर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा फैलती है। सर्दी, सिर दर्द, खांसी, जुकाम, गला खराब और बार-बार बुखार आना इस बीमारी के मुखया लक्षण हैं। स्वाइन फ्फलू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है।

स्वाइन फ्फलू से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ी सी एहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। सेहत विभाग का कहना है कि यह बिमारी तभी फैलती है जब स्वाइन फ्फलू से ग्रस्त एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति के सपर्क में आता है। इसलिए हाँथ को बार बार धोते रहना चाहिए तांकि अगर आपने किसी ऐसी व्यक्ति से हाथ मिलाया हो जिसे स्वाइन फलू है तो आप इस बिमारी से बच सकते हैं।

– रीना अरोड़ा

Advertisement
Advertisement
Next Article