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‘सैयारा’ गुलजार हुए थियेटर

04:30 AM Aug 01, 2025 IST | Aakash Chopra
‘सैयारा’ गुलजार हुए थियेटर
पंजाब केसरी के डायरेक्टर आकाश चोपड़ा

अहान पांडेय और अनीत पड्डा की रोमांटिक ड्रामा फिल्म ‘सैयारा’ ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल का प्रदर्शन किया है। ये 2025 की हाईएस्ट ग्रॉसिंग फिल्म बन चुकी है। मोहित सूरी के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने चार दिनों 273 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया था। वहीं, 9वें दिन की कमाई के बाद फिल्म ने 200 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया। ऐसे में अब 10वें दिन यानी कि दूसरे वीकेंड पर फिल्म ने छप्परफाड़ कमाई की। फिल्म सैयारा को लेकर गजब का क्रेज देखने को मिल रहा है। थियेटर्स में दर्शकों की भीड़ है और इसका सीधा असर फिल्म की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर दिख रहा है। कोरोना से पहले सिनेमा हाल में काफी भीड़ उमड़ती थी लेकिन ये भीड़ कोरोना के बाद से एकदम गायब हो गई थी। थियटरों में यह गजब का उत्साह आैर जुनून कई वर्षों बाद देखने को मिला
लेकिन क्या आपने सोचा कि इस फिल्म को लेकर इतनी गजब की एक्साइटमेंट क्यों है। ऐसा क्या है इन न्यू कमर्स की फिल्म को ऑडियंस का इतना प्यार मिल रहा है। नए स्टार्स की फिल्म ने ऐसा कौनसा जादू चला दिया कि हर जगह केवल इसी फिल्म की चर्चा है। यह एक ईमानदार और ​दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी है जो लंबे समय से सिनेमाघरों में नहीं आई थी। यह फ़िल्म ताज़ा हवा के झोंके जैसी है। स्टार वैल्यू के बिना भी दोनों नवोदित कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया। अहान पांडे और अनीत पड्डा की केमिस्ट्री बहुत रियल लगी। 'सैयारा' एक ऐसी फ़िल्म है जो भागती-दौड़ती ज़िंदगी में ठहरकर प्यार के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। युवा दर्शकों में लव स्टोरीज की जो भूख लंबे समय से थी, 'सैयारा' ने उसे सही समय पर पूरा किया।’’ बिना प्रमोशन के जिस तरह से सीधे फिल्म में स्टार्स को प्रेजेंट किया गया, काम कर गया। आजकल आपने देखा होगा कि कोई भी फिल्म आ रही हो तो उसे लेकर कितने जोर-शोर से प्रमोशन किया जाता है लेकिन अहान और अनीत दोनों को मीडिया से दूर ही रखा गया। इस फिल्म को लेकर कोई हल्ला भी नहीं मचाया गया। शायद यही वजह है कि अब ऑडियंस ही फिल्म को प्रमोट करने का काम कर रही है।
पिछले कुछ समय में जुनैद खान, खुशी कपूर, इब्राहिम अली खान, शनाया कपूर जैसे कई स्टार किड्स ने परफॉर्म किया लेकिन कोई अपनी लीड इमेज सैट नहीं कर पाया। वहीं अहान पांडे और अनीत पड्डा दोनों ही अपनी पहली फिल्म में काफी प्रॉमिसिंग लगे। निर्देशक मोहित सूरी इसके पहले भी ‘आशिकी 2’ से ‘एक विलेन’ तक कई लव स्टोरीज पर फ़िल्में बना चुके हैं। प्रेम कहानियां हमेशा से ही बॉलीवुड को इसके मंदी के दिनों से उबारने के लिए एक अहम रेसिपी की तरह रही हैं। ‘सैयारा’, दरअसल ऐसे सितारे को कहते हैं जो तारों के बीच कुछ पाने के लिए भाग रहा है और अपनी चमक से दूसरों की जिंदगियों को रोशन भी करता जा रहा है। अनीत और अहान दोनों ही सैयारा निकले, जो अपने अभिनय की चमक से इस फिल्म को रोशन करते हैं। आज की युवा पीढ़ी ‘सैयारा’ शब्द से खुद को जोड़ पा रही है क्योंकि ये एक ऐसा भाव है जो आज़ादी, सफर और बंधनों से मुक्त प्रेम का प्रतीक बन गया है। इस ​िफल्म का गाना ‘सैयारा तू तो, बदला नहीं है’ लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गया है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आ​िखर प्रेमी या महबूब को ‘सैयारा’ क्यों कहा जाता है? इस शब्द के पीछे छिपा है एक गहरा और खूबसूरत अर्थ, जो आज भी ​िफल्मी गीतों में जिंदा है। दोनों ही नए कलाकार कैमरे के सामने भावनात्मक दृश्यों में भी बेहद सहज लगते हैं। यह पहली फिल्म हैं जिसमें अभिनेत्री को अल्जाइमर की बीमारी से ग्रसित दिखाया गया है। अनीता पड्डा ने अल्जाइमर पीड़ित महिला के किरदार को बहुत ही बखूबी से ​निभाया है। यही कारण है कि क्लाइमैक्स में वाणी को खुद का नाम याद दिलाने वाले सीन भावुक भी करते हैं। वाणी के पात्र के लिए जो मासूमियत चाहिए, उसे अनीत पड्डा बरकरार रखती हैं। ‘सलाम वेंकी’ फिल्म में काम कर चुकी अनीत इस फिल्म के केंद्र में हैं और इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाती हैं। कुल मिलाकर मोहब्बत की कहानी ‘सैयारा’ ने दर्शकों की नई पीढ़ी को उनके दो नए स्टार्स परोस दिए हैं। ‘सैयारा’ के जादू ने एक बार फिर मोहब्बत से मोहब्बत में रहने की प्रेरणा दे ही दी है। अगर ‘मोहब्बत’ में रहना ‘वे ऑफ लाइफ’ ही बन जाए तो ज़िन्दगी और आसपास की दुनिया कितनी बेहतर लगती है।

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Aakash Chopra

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