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Waqf Bill पर सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती का भरोसा, कहा- मुसलमानों के हित में होगा विधेयक

वक्फ बिल मुसलमानों के हित में होगा: सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती

09:11 AM Apr 02, 2025 IST | Neha Singh

वक्फ बिल मुसलमानों के हित में होगा: सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती

वक्फ संशोधन बिल पर सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भरोसा जताया है कि यह मुसलमानों के हित में होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी आपत्तियों को सुनकर बिल को बेहतर बनाकर पेश किया है और इसका उद्देश्य पारदर्शिता और सुचारू संचालन है। विरोध को लोकतांत्रिक अधिकार बताते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को इसके फायदे समझाने की जरूरत है।

वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। संसद में पर बहस जारी है। विपक्ष इस बिल का जमकर विरोध कर रहा है। पूरे देश में वक्फ बिल को लेकर बवाल मचा हुआ है। विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन कर रही है। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड को सुचारू रूप से चलाने के लिए वक्फ संशोधन बिल जरूरी है। इस बीच अजमेर से ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती इस दावे से सहमत नहीं हैं। उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन किया है।

मुसलमानों के हित में होगा बिल- चिश्ती

सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने मीडिया से बातचीत में कहा, आज संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश हुआ। सभी की बात सुनने के बाद बड़ी सहजता से इस बिल को पेश किया गया। लोगों की आपत्तियों को सुनने के बाद सरकार ने बिल को बेहतर बनाकर ही पेश किया होगा। अब बिल कैसा है, यह देखने के बाद पता चलेगा। अच्छी बहस होगी और उसके बाद ही बिल पास होगा।

जब उनसे पूछा गया कि नए वक्फ बिल से मुसलमानों को फायदा होगा या नुकसान तो सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने जवाब दिया, “सरकार मुसलमानों के फायदे के लिए यह बिल ला रही है। सरकार मुसलमानों को फायदा पहुंचाने की नीयत से बिल ला रही है, ताकि उसका फंड और किराया आदि सही तरीके से वसूला जा सके। इसका हिसाब-किताब हो और प्रक्रिया में पारदर्शिता हो। अगर सरकार की यही नीयत है तो बिल आने दीजिए।”

‘लोग समझ नहीं पा रहे बिल’

ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन ने कहा, “विरोध करना लोकतंत्र का हिस्सा है। जो लोग विरोध कर रहे हैं, यह उनका अधिकार है। लोकतांत्रिक देश में इस पर कोई रोक नहीं है। विरोध का कारण यह हो सकता है कि ज्यादातर लोग समझ नहीं पा रहे हैं। ये आम लोग हैं, जिन्हें समझाने की जरूरत है। हम भी यही कोशिश कर रहे हैं।”

‘गैर-मुस्लिम से दिक्कत नहीं’

जब उनसे पूछा गया कि बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की बात भी कही गई है तो उन्होंने कहा कि अगर वे आ रहे हैं तो आने दीजिए, इससे क्या फर्क पड़ता है। आज वक्फ ट्रिब्यूनल में जज भी गैर-मुस्लिम हैं, क्या आप इस पर आपत्ति कर सकते हैं? अगर वे नहीं आते हैं तो अच्छी बात है, लेकिन अगर वे आते हैं तो इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है।

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