अफगानिस्तान में तालिबान ने शतरंज पर लगाया प्रतिबंध
अफगानिस्तान में शतरंज खेल पर रोक
तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में शतरंज खेलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि यह खेल जुए को बढ़ावा दे सकता है, जो इस्लामी कानून की उनकी व्याख्या के अनुसार हराम है। यह फैसला रविवार को सामने आया, जब खेल निदेशालय के प्रवक्ता अतल मशवानी ने कहा, “जब तक धार्मिक विद्वान यह तय नहीं कर लेते कि शतरंज इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप है या नहीं, तब तक इस खेल पर प्रतिबंध रहेगा।” काबुल जैसे शहरों में शतरंज एक शांति भरा और बौद्धिक समय बिताने का ज़रिया था। स्थानीय कैफे मालिक अज़ीज़ुल्लाह गुलजादा, जिनके यहां वर्षों से अनौपचारिक शतरंज प्रतियोगिताएं होती रही हैं, ने इस निर्णय पर चिंता जताई।
खेलों पर लगातार सख्ती
अगस्त 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से तालिबान सरकार ने अफगान समाज और खेलों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। वर्ष 2023 में उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (MMA) पर यह कहकर रोक लगा दी थी कि यह खेल “बहुत हिंसक” और “शरिया के अनुकूल नहीं” है।
महिलाओं के लिए हालात और बदतर
महिलाओं के खेलों में भाग लेने पर लगभग पूरी तरह से रोक लग चुकी है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने तालिबान के इन निर्णयों की तीखी आलोचना की है, इसे महिलाओं और युवाओं के प्रति प्रतिगामी और भेदभावपूर्ण नीति बताया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि शतरंज पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा कब की जाएगी या यह कब तक लागू रहेगा। तालिबान ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि कौन-से धार्मिक मापदंडों को पूरा करने के बाद इस खेल को फिर से अनुमति दी जा सकती है। प्रतिबंधों की बढ़ती इस लहर के बीच, अफगान नागरिकों के पास सुरक्षित और सकारात्मक मनोरंजन के साधनों की कमी होती जा रही है।