तालिबान ने PAK एयरस्ट्राइक का दिया करारा जवाब, 19 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच स्थिति गंभीर बन गई है, दोनों देशआमने सामने है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच स्थिति गंभीर बन गई है। दोनों देशों की सेना सीमा पर आमने सामने है। पाकिस्तान की तरफ से अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक हुई थी। जिसके जबाव में शनिवार को अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान पर पलटवार किया है। तालिबनी रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पलटवार के बारे में जानकारी दी गई है। बताया जा रहा है कि इस हमले में 19 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है, जबकि तीन अफगान नागिरकों के भी मारे जाने की सूचना है। अफगानिस्तान ने ये हमला पाकिस्तान के कई इलाकों में किया है। जिससे अब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना- अफगानिस्तान
अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘दक्षिण-पूर्वी दिशा से बदले की कार्रवाई के तहत काल्पनिक रेखा के पार कई स्थानों को निशाना बनाया गया। ये स्थान उन तत्वों और उनके समर्थकों के ठिकाने थे, जो अफगानिस्तान में संगठित और समन्वयित हमले कर रहे थे। इस सीमा को डूरंड लाइन कहा जाता है, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान 19वीं सदी में खींची गई थी। अफगानिस्तान इस सीमा को मान्यता देने से इनकार करता है और इसे विवादित मानता है।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर किया था हवाई हमला
यह टकराव मंगलवार की रात पक्तिका प्रांत में पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद शुरू हुआ, जिसमें अफगानिस्तान के 51 लोग मारे गए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। मसलन, पाकिस्तान सेना का कहना है कि अफगानिस्तान की जमीन से पाकिस्तान में आतंकी हमले किए जाते हैं और तालिबान से इसे काबू करने की अपील की गई थी। जिसके बाद, अफगानिस्तान के तालिबान आर्मी ने शनिवार को पाकिस्तान के कई इलाकों को निशाना बनाया. अफगान रक्षा मंत्रालय ने इसे पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में किए गए हवाई हमले का जवाब करारा दिया है। उस हमले में कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल थे। तालिबान सरकार ने तब ही इसका बदला लेने की कसम खाई थी, जो उसने इन हमलों से पूरी कर ली है।
डूरंड लाइन विवाद
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान अफगानिस्तान और भारत के बीच सीमा निर्धारित वाली रेखा को डूरंड लाइन कहा जाता है। लेकिन 1947 में पाकिस्तान की स्थापना के बाद किसी भी अफगान सरकार ने इस लाइन को मान्यता नहीं दी है। पाकिस्तान इस रेखा पर बाड़ लगा रहा है, लेकिन तालिबान ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। तालिबान लड़ाके कई बार इसके विरोध में हमला कर चुके हैं। अफगानिस्तान में डूरंड लाइन एक भावनात्मक मुद्दा बन गई है। इसके पहले 1990 के दशक में भी तालिबान ने इस सीमा को मानने से इनकार किया था।