Tamil Nadu: मुख्यमंत्री स्टालिन बोले- राज्य सरकार की राज्यपाल आर एन रवि से कोई निजी दुश्मनी नहीं
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार की राज्यपाल आर एन रवि से कोई निजी दुश्मनी नहीं है।
07:21 PM Apr 18, 2022 IST | Desk Team
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार की राज्यपाल आर एन रवि से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। स्टालिन ने राजभवन में हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को सही ठहराया और कहा कि नीट विधेयक के लंबित होने के चलते ऐसा हुआ।
लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल द्वारा नीट-रोधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र के पास नहीं भेजने से उनका नहीं बल्कि राज्य के लोगों का अपमान हुआ है। स्टालिन ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए रवि को विधेयक को केंद्र के पास भेजना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं करना उचित नहीं और यह सदन की गरिमा के भी विरुद्ध है।
स्टालिन ने कहा…
तमिलनाडु स्नातक चिकित्सा डिग्री पाठ्यक्रम विधेयक 13 सितंबर 2021 को विधानसभा से पारित किया गया था और राज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए इसे एक फरवरी 2022 को वापस कर दिया था। इस साल आठ फरवरी को विधानसभा ने इस विधेयक को पुनः पारित किया और उसे राजभवन भेजा गया।कुछ दिन पहले राजभवन में हुए आयोजन में हिस्सा नहीं लेने को उचित ठहराते हुए स्टालिन ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने का मतलब होता लोगों की भावनाएं आहत करना और इससे सदन की गरिमा को और ठेस पहुंचती क्योंकि नीट रोधी विधेयक राजभवन में फंसा हुआ है और उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल द्वारा नीट-रोधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र के पास नहीं भेजने से उनका नहीं बल्कि राज्य के लोगों का अपमान हुआ है। स्टालिन ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए रवि को विधेयक को केंद्र के पास भेजना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं करना उचित नहीं और यह सदन की गरिमा के भी विरुद्ध है।
स्टालिन ने कहा…
तमिलनाडु स्नातक चिकित्सा डिग्री पाठ्यक्रम विधेयक 13 सितंबर 2021 को विधानसभा से पारित किया गया था और राज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए इसे एक फरवरी 2022 को वापस कर दिया था। इस साल आठ फरवरी को विधानसभा ने इस विधेयक को पुनः पारित किया और उसे राजभवन भेजा गया।कुछ दिन पहले राजभवन में हुए आयोजन में हिस्सा नहीं लेने को उचित ठहराते हुए स्टालिन ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने का मतलब होता लोगों की भावनाएं आहत करना और इससे सदन की गरिमा को और ठेस पहुंचती क्योंकि नीट रोधी विधेयक राजभवन में फंसा हुआ है और उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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